दिल्ली अध्यादेश विवाद: आज स्टालिन से मुलाकात करेंगे केजरीवाल, हेमंत सोरेन से भी है मिलने की योजना
By मनाली रस्तोगी | Published: June 1, 2023 09:49 AM2023-06-01T09:49:37+5:302023-06-01T09:51:22+5:30
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण के केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगने के प्रयास में गुरुवार को तमिलनाडु के अपने समकक्ष एमके स्टालिन से मुलाकात करेंगे।
चेन्नई: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण के केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगने के प्रयास में गुरुवार को तमिलनाडु के अपने समकक्ष एमके स्टालिन से मुलाकात करेंगे।
आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख ने बुधवार को ट्वीट करते हुए कहा, "केंद्र के असंवैधानिक-अलोकतांत्रिक 'दिल्ली विरोधी' अध्यादेश के खिलाफ डीएमके का समर्थन लेने के लिए कल (1 जून) चेन्नई में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मुलाकात करेंगे।" बता दें कि केजरीवाल ने 23 मई को अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों से समर्थन मांगने के लिए देशव्यापी दौरे की शुरुआत की थी।
Will be meeting Tamil Nadu CM Thiru @mkstalin in Chennai tomorrow (1st June) to seek DMK's support against Centre's unconstitutional-undemocratic 'Anti-Delhi' Ordinance.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 31, 2023
केजरीवाल 2 जून को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगे। केजरीवाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "2 जून को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से रांची में मुलाकात करूंगा। दिल्ली की जनता के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा पारित अध्यादेश के खिलाफ उनका समर्थन मांगेंगे।"
परसों 2 जून को झारखंड के मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM जी से राँची में मुलाक़ात करूँगा। दिल्ली की जनता के ख़िलाफ़ मोदी सरकार द्वारा पारित अध्यादेश के ख़िलाफ़ उनका समर्थन माँगूँगा।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 31, 2023
केजरीवाल अब तक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात कर चुके हैं। केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी मिलने का समय मांगा है।
गौरतलब है कि केंद्र ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और दानिक्स कैडर के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के उद्देश्य से हाल ही में एक अध्यादेश जारी किया था।
यह अध्यादेश उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली में निर्वाचित सरकार को पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित मामलों को छोड़कर अन्य मामलों का नियंत्रण सौंपने के बाद लाया गया था। अध्यादेश जारी किए जाने के छह महीने के भीतर केंद्र को इसकी जगह संसद में एक विधेयक पेश करना होगा।