नई दिल्ली, 12 जुलाईः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तीन बड़े कूड़े के पहाड़ों पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सूबे के उपराज्यपाल अनिल बैजल को तगड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने केन्द्र और दिल्ली सरकार से इस बारे में रुख स्पष्ट करने को कहा था कि दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों को साफ करने की जिम्मेदारी किसकी है, उपराज्यपाल अनिल बैजल के प्रति जवाबदेह अधिकारियों की या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रति जवाबदेह अधिकारियों की?
इस पर दिल्ली के उपराज्यपाल का जवाब आया, जिसमें उन्होंने कहा कि शहर में कचरा हटाने का काम नगर निकाय का है और वह इसकी निगरानी के प्रभारी हैं। इसके बाद कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि आप कहते हैं कि मेरे पास शक्ति है, मैं सुपरमैन हूं, लेकिन आप कुछ भी नहीं करते हैं।
कोर्ट ने कहा कि अमीकस क्यूरी कॉलिन गोंसालवेस ने बताया है कि लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यालय से 'क्लीन-अप' पर किसी भी बैठक में भाग नहीं लिया गया है। साथ ही साथ आदालत ने उपराज्यपाल को आदेश दिया है कि वह कूड़ा उठाने वाले लोगों को पहचान पत्र और वर्दी प्रदान करवाएं।
आपको बता दें, शीर्ष अदालत ने यह निर्देश ऐसे समय दिया जब कुछ दिन पहले उसने उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी सरकार के बीच सत्ता संघर्ष पर फैसला सुनाते हुए व्यवस्था दी थी कि उपराज्यपाल के पास फैसले करने की कोई स्वतंत्र शक्ति नहीं है और वह निर्वाचित सरकार की मदद एवं सलाह से काम करने के लिए बाध्य हैं।
इस मामले को लेकर न्यायमूर्ति एम बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा था कि अब, हमें फैसले का फायदा है। दिल्ली विशेषकर भलस्वा, ओखला और गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ हैं। हम जानना चाहते हैं कि कूड़ा साफ करने के लिए जिम्मेदार कौन है, जो उपराज्यपाल के प्रति जवाबदेह हैं या जो मुख्यमंत्री के प्रति जवाबदेह हैं।
सुनवाई शुरू होने पर पीठ ने केन्द्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल पिंकी आनंद और दिल्ली सरकार के वकील से पूछा था कि कूड़ा प्रबंधन किसके क्षेत्राधिकार में आता है। इस पर पिंकी आनंद ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर हलफनामा दायर करेंगी। शीर्ष अदालत ने कहा था कि दिल्ली कूड़े के ढेर में दब रही है और मुंबई पानी में डूब रही है, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है।
इस स्थिति पर अपनी मजबूरी जाहिर करते हुये शीर्ष अदालत ने अफसोस जताया था कि जब अदालतें हस्तक्षेप करती हैं तो न्यायाधीशों पर न्यायिक सक्रियता के नाम पर निशाना साधा जाता है। उन्होंने कहा था कि जब सरकार कुछ नहीं करती है या गैरजिम्मेदार तरीके से काम करती है तो क्या किया जा सकता है।लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें।