Delhi Election Results 2025: दिल्ली में कांग्रेस की 'जीरो' की रिकॉर्ड हैट्रिक, 70 में से 68 उम्मीदवारों की जमानत जब्त
By रुस्तम राणा | Updated: February 8, 2025 17:56 IST2025-02-08T17:54:25+5:302025-02-08T17:56:26+5:30
सबसे पुरानी पार्टी के लिए शर्मनाक बात ये है कि पार्टी के 70 में से 68 उम्मीदवारों की तो जमानत ही जब्त हो गई। वजीरपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस की रागिनी नायक को केवल 6348 वोट ही मिले।

Delhi Election Results 2025: दिल्ली में कांग्रेस की 'जीरो' की रिकॉर्ड हैट्रिक, 70 में से 68 उम्मीदवारों की जमानत जब्त
Delhi Election Results 2025: दिल्ली में शनिवार को हुए चुनाव में कांग्रेस लगातार तीसरे चुनाव में अपना खाता खोलने में विफल रही। यह लगातार तीसरा चुनाव हैं जहां उसकी जीरो सीट आई है। सबसे पुरानी पार्टी के लिए शर्मनाक बात ये है कि पार्टी के 70 में से 68 उम्मीदवारों की तो जमानत ही जब्त हो गई। वजीरपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस की रागिनी नायक को केवल 6348 वोट ही मिले। इस सीट से भाजपा की पूनम शर्मा विजयी रहीं। उन्हें 54721 वोट मिले। जबकि दूसरे नंबर पर आप के राजेश गुप्ता (43296 वोट) रहे।
नतीजों से पता चला कि यह पुरानी पार्टी कस्तूरबा नगर सीट को छोड़कर कहीं भी दौड़ में नहीं थी, जहां उसे अंत में हार मिली। शेष सीटों पर आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा उसके सहयोगियों के बीच मुकाबला देखने को मिला।
कांग्रेस ने 1998 से 2013 तक दिल्ली पर शासन किया और राष्ट्रीय राजधानी में वापसी करने का प्रयास कर रही थी। लेकिन उसका सपना भाजपा ने चकनाचूर कर दिया, जिसने 70 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें जीती हैं। भगवा पार्टी ने 27 साल पुराना सूखा खत्म किया है और दिल्ली में AAP के राजनीतिक प्रभुत्व में भी सेंध लगाई। आम आदमी पार्टी ने 2015-2025 तक राजधानी पर शासन किया और तीसरे कार्यकाल की उम्मीद कर रही थी।
कांग्रेस की हार का एक कारण मजबूत नेता की कमी है। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बाद, पार्टी के पास एक मजबूत स्थानीय नेता की कमी थी, जिसके साथ दिल्लीवासी जुड़ सकें। और कई लोग अपने चुनावी भाग्य को बेहतर बनाने के लिए AAP या BJP में चले गए। पार्टी के पास राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत नेतृत्व का भी अभाव है। 2024 के लोकसभा चुनावों में मजबूत प्रदर्शन के बाद, कांग्रेस एक के बाद एक राज्यों में हारती जा रही है।
एक और संभावित कारण चुनाव प्रचार की देरी है। कांग्रेस के लिए मतदान से ठीक 15-20 दिन पहले अभियान शुरू करना आम बात है, जबकि अन्य दलों ने गति पकड़ ली है और दौड़ में आगे हैं। परिणाम ने यह भी उजागर किया कि दिल्ली के लोग मानते हैं कि भाजपा कांग्रेस से बेहतर विकल्प है।