Delhi Election Result: दिल्ली में RJD के 3 उम्मीदवारों ने बनाया रिकॉर्ड, 200 का आंकड़ा भी नहीं कर सके पार, जानें JDU का हाल
By अनुराग आनंद | Updated: February 11, 2020 15:36 IST2020-02-11T15:36:34+5:302020-02-11T15:36:34+5:30
RJD ने दिल्ली में पूर्वांचली वोटों पर निशाना साधते हुए चार सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। लेकिन, सभी सीटों पर राजद के उम्मीदवार चुनाव हार गए हैं।

RJD के उम्मीदवार दिल्ली में बुरी तरह से हारे
दिल्ली विधान सभा के लगभग सभी सीटों के रुझान आ गए हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने की तरफ बढ़ रही है। दिल्ली में अगले पांच साल के लिए एक बार फिर से अरविंद केजरीवाल ही सरकार बनाने जा रहे हैं। लेकिन, इस बार दिल्ली चुनाव के दौरान कई सारे अहम रिकॉर्ड बने हैं। दिल्ली में लालू यादव की पार्टी राजद ने भी रिकॉर्ड अपने नाम किया है।
इस चुनाव में राजद ने दिल्ली में पूर्वांचली वोटों पर निशाना साधते हुए चार सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। लेकिन, सभी सीटों पर राजद के उम्मीदवार चुनाव हार गए हैं।
खबर लिखने तक चार सीटों में से आरजेडी के उम्मीदवार तीन पर अभी तक 200 का आंकड़ा भी नहीं छू पाए, वहीं एक सीट पर आरजेडी प्रत्याशी को 100 से भी कम वोट मिले हैं। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के यह नतीजे आरजेडी को परेशान कर सकते हैं।
वहीं, यदि जदयू कि बात करें तो दिल्ली विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने कांग्रेस के गठबंधन में चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे- उत्तम नगर, किराड़ी, पालम और बुराड़ी। उत्तम नगर में आरजेडी प्रत्याशी शक्ति कुमार बिश्नोई 100 का आकंड़ा भी नहीं छू पाए हैं। उन्हें अब तक 55 वोट ही मिल पाए हैं। इस सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के नरेश बालियान सबसे आगे हैं।
बुराड़ी सीट पर जेडीयू और आरजेडी आमने-सामने हैं, लेकिन जेडीयू प्रत्याशी शैलेंद्र कुमार 15776 वोटों के साथ यहां दूसरे नंबर पर हैं, तो वहीं आरजेडी के प्रत्याशी प्रमोद त्यागी को 1103 वोट मिले हैं। इस सीट से आप के संजीव झा आगे चल रहे हैं। आरजेडी का वोट फीसदी भी काफी कम 0.03 फीसदी है।
दरअसल, बिहार की राजनीति के ख्याल से देखें तो दिल्ली का चुनाव पूर्वांचल के लोगों के लिए बेहद खास है। बिहार व यूपी के भारी संख्या में लोग दिल्ली में रहते हैं। यही वजह है कि दिल्ली में भाजपा ने मनोज तिवारी को अपना प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। दिल्ली में तीन सीट जदयू को देकर भाजपा पूर्वांचल वोट के माध्यम चुनाव में जीत प्राप्त करना चाहते थे।