दिल्ली की अदालत ने शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह के अपराध का संज्ञान लिया

By भाषा | Updated: December 19, 2020 20:18 IST2020-12-19T20:18:08+5:302020-12-19T20:18:08+5:30

Delhi court takes cognizance of sedition offense against Sharjeel Imam | दिल्ली की अदालत ने शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह के अपराध का संज्ञान लिया

दिल्ली की अदालत ने शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह के अपराध का संज्ञान लिया

नयी दिल्ली, 19 दिसम्बर दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के एक मामले में राजद्रोह के अपराध का संज्ञान लिया जिसके परिणामस्वरूप जामिया मिलिया इस्लामिया के पास सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंची थी और पुलिसकर्मियों को चोटें आईं थीं।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने इमाम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए, 153 ए, 153 बी और 505 के तहत दर्ज अपराधों का संज्ञान लिया।

अदालत ने इससे पहले इमाम के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13 के तहत अपराध का संज्ञान लिया था, लेकिन आईपीसी की धारा 124 ए, 153 ए, 153 बी, 505 के तहत अपराधों पर संज्ञान लेना टाल दिया था क्योंकि अपेक्षित मंजूरी का इंतजार था।

दिल्ली पुलिस द्वारा संबंधित प्राधिकारियों द्वारा दी गई जरूरी मंजूरी का उल्लेख करते हुए अनुपूरक आरोपपत्र दायर करने के बाद अदालत ने अपराधों पर संज्ञान लिया।

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, ‘‘अपेक्षित मंजूरी ... दायर की गई है। मैंने अनुपूरक आरोपपत्र का अवलोकन किया है। उसी के मद्देनजर, मैं आईपीसी की धारा 124 ए / 153 ए / 153 बी / 505 के तहत अपराध का संज्ञान लेता हूं।’’

दिल्ली पुलिस ने इस साल जुलाई में मामले में इमाम के खिलाफ एक और अनुपूरक आरोपपत्र दायर किया था। पुलिस ने आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान इमाम ने जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय सहित कई जगहों पर भड़काऊ भाषण दिये थे।

आरोपपत्र में कहा गया था कि इमाम ने कथित तौर पर केंद्र के प्रति घृणा, अवमानना ​​और असंतोष भड़काने के लिए भाषण दिए और लोगों को उकसाया, जिसके कारण पिछले साल दिसंबर में हिंसा हुई।

इसमें कहा गया, ‘‘वर्तमान मामला एक गहरे षड्यंत्र से सामने आया है, जो संशोधित नागरिकता विधेयक का विरोध करने की आड़ में रचा गया था। इससे पहले राष्ट्रपति की मंजूरी से भी पहले, वर्तमान आरोपी (इमाम) अपने साथियों के साथ मिलकर झूठे प्रचार में शामिल था। इस विधेयक के बारे में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में यह झूठी बात फैला रहा था कि भारत सरकार मुसलमानों की नागरिकता छीनना चाहती है और यह भी कि मुसलमानों को हिरासत शिविरों में रखा जाएगा।’’

इमाम को पिछले साल 13 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया में और 16 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में उसके कथित भड़काऊ भाषण के लिए गिरफ्तार किया गया था, जहां उसने कथित रूप से असम और पूर्वोत्तर को शेष भारत से "काट" देने की धमकी दी थी।

आरोपपत्र में कहा गया था, ‘‘संशोधित नागरिकता अधिनियम, 2019 (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की आड़ में, उन्होंने (इमाम) एक विशेष समुदाय के लोगों को प्रमुख शहरों की ओर जाने वाले राजमार्गों को अवरुद्ध करने और 'चक्का जाम' का सहारा लेने का आह्वान किया, जिससे सामान्य जीवन बाधित हो। सीएए का विरोध करने के नाम पर उन्होंने खुले तौर पर असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से काटने की धमकी दी थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Delhi court takes cognizance of sedition offense against Sharjeel Imam

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे