Delhi Chunav: राजीव कुमार ने नुकसान पहुंचाया है, किसी ने नहीं किया?, अरविंद केजरीवाल ने कहा-अगर सीईसी चाहें तो दिल्ली विधानसभा की किसी भी सीट से चुनाव लड़ लें!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 30, 2025 15:21 IST2025-01-30T15:20:12+5:302025-01-30T15:21:02+5:30
Delhi Chunav 2025: आयोग ने केजरीवाल को हरियाणा सरकार के खिलाफ लगाए अपने आरोपों पर स्पष्टीकरण देने का एक और अवसर दिया।

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Delhi Chunav 2025: आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार पर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि वह हरियाणा सरकार पर यमुना में ‘‘जहर मिलाने’’ का आरोप लगाने को लेकर उन्हें नोटिस भेजकर राजनीति कर रहे हैं। केजरीवाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान आरोप लगाया कि कुमार ने निर्वाचन आयोग (ईसी) की विश्वसनीयता नष्ट कर दी है और उनकी सेवानिवृत्ति के बाद कोई पद पाने की इच्छा है। इससे कुछ ही देर पहले, आयोग ने केजरीवाल से बृहस्पतिवार को कहा कि वह यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के मुद्दे को नदी को जहरीला बनाने संबंधी अपने आरोप से नहीं जोड़ें। इसके अलावा, आयोग ने केजरीवाल को हरियाणा सरकार के खिलाफ लगाए अपने आरोपों पर स्पष्टीकरण देने का एक और अवसर दिया।
केजरीवाल के जवाब से असंतुष्ट आयोग ने उनसे यमुना में विषाक्तता के प्रकार, मात्रा, प्रकृति और तरीके के बारे में विशिष्ट और स्पष्ट जवाब देने तथा तथ्यात्मक साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा। केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग को राजीव कुमार ने जिस तरह नुकसान पहुंचाया है, वैसा किसी ने नहीं किया।
अगर वह चाहें तो दिल्ली विधानसभा की किसी भी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।’’ उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘मैं जब तक जिंदा हूं, तब तक दिल्ली के लोगों को जहरीला पानी नहीं पीने दूंगा। मुझे पता है कि वे मुझे दो दिन में गिरफ्तार कर लेंगे, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।’’ केजरीवाल ने निर्वाचन आयोग के नोटिस का बुधवार को जवाब दिया था।
जिसमें उन्होंने दावा किया था कि हरियाणा सरकार यमुना में ‘‘जहर घोल रही है।’’ उन्होंने कहा था कि राज्य से प्राप्त पानी मानव स्वास्थ्य के लिहाज से ‘‘अत्यधिक दूषित और अत्यंत जहरीला’’ है। निर्वाचन आयोग को दिए गए 14 पृष्ठों के जवाब में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि यदि लोगों को इस तरह का ‘‘जहरीला पानी’’ पीने दिया गया तो इससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरा पैदा होगा और लोगों की मौत होगी।