दिल्ली: बीजेपी सरकार ने बदला नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम, अब प्रधानमंत्री संग्रहालय नाम से जाना जाएगा
By अंजली चौहान | Published: June 17, 2023 01:18 PM2023-06-17T13:18:35+5:302023-06-17T13:21:21+5:30
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर प्रधान मंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी कर दिया गया है। इसके साथ ही संग्रहालय की नई तस्वीरें सामने आई है।
नई दिल्ली: केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर प्रधान मंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी कर दिया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली बैठक में इस पर सहमति जताते हुए यह फैसला लिया गया है। इस परियोजना को नवंबर 2016 में आयोजित कार्यकारी परिषद, एनएमएमएल की 162वीं बैठक में मंजूरी दी गई थी।
गौरतलब है कि संस्कृति मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का फैसला किया गया है।
यह निर्णय मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की एक विशेष बैठक में लिया गया। रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में ये फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि वह सोसायटी के उपाध्यक्ष भी हैं।
#WATCH | Nehru Memorial Museum and Library Society renaming & Congress criticising it | BJP spokesperson Shehzad Poonawalla says, "Congress can't see beyond one family. It is a Family Ltd Company, a Family Ltd Enterprise. If respect is given to PMs HD Deve Gowda, Inder Kumar… pic.twitter.com/hhosSUlZ8b
— ANI (@ANI) June 17, 2023
जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री संग्रहालय को पिछले साल 21 अप्रैल को जनता के लिए खोल दिया गया था। संस्कृति मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि संग्रहालय एक सहज मिश्रण है जो पुनर्निर्मित और नवीनीकृत नेहरू संग्रहालय भवन से शुरू होता है, "अब जवाहरलाल नेहरू के जीवन और योगदान पर तकनीकी रूप से उन्नत प्रदर्शन के साथ पूरी तरह से अद्यतन"।
जानकारी के अनुसार, एक नए भवन में स्थित संग्रहालय तब कहानी बताता है कि कैसे हमारे प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न चुनौतियों के माध्यम से देश को नेविगेट किया और देश की सर्वांगीण प्रगति सुनिश्चित की। यह सभी प्रधानमंत्रियों को पहचानता है, जिससे संस्थागत स्मृति का लोकतंत्रीकरण होता है।
हालांकि, इसके उद्घाटन के दौरान, सरकार से निमंत्रण मिलने के बावजूद, नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्य समारोह में उपस्थित नहीं था।
पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सहित नेहरू-गांधी परिवार के तीन सदस्यों ने देश के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया है। कांग्रेस और गांधी परिवार द्वारा सरकार के इस फैसले का विरोध किया जा रहा है। कांग्रेस लगातार बीजेपी सरकार पर इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा रही है।
इस बीच कांग्रेस के बयान पर शनिवार को बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "कांग्रेस एक परिवार से आगे नहीं देख सकती।
इस देश के लिए लेकिन एक परिवार का होने का सौभाग्य नहीं मिला, अगर उनके योगदान को एक संग्रहालय में मनाया जाता है तो यह तानाशाही रवैया क्यों है?..."
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को केंद्र पर निशाना साधा और कहा कि यह कदम भाजपा और आरएसएस की "सस्ती मानसिकता और तानाशाही रवैया" दिखाता है।
इस पर कांग्रेस की आलोचना करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह स्वीकार करने में असमर्थता है कि "एक वंश" से परे नेता हैं।