Delhi Assembly Polls 2025: कांग्रेस ने “युवा उड़ान योजना” के तहत बेरोजगार युवाओं को हर महीने 8500 रुपये देने का किया वादा
By रुस्तम राणा | Updated: January 12, 2025 15:50 IST2025-01-12T15:47:03+5:302025-01-12T15:50:00+5:30
कांग्रेस दिसंबर 2013 से न केवल दिल्ली की सत्ता से बाहर है, बल्कि वह 2015 और 2020 के दोनों चुनावों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई।

Delhi Assembly Polls 2025: कांग्रेस ने “युवा उड़ान योजना” के तहत बेरोजगार युवाओं को हर महीने 8500 रुपये देने का किया वादा
Delhi Assembly Polls 2025: कांग्रेस ने रविवार को “युवा उड़ान योजना” की घोषणा की, जिसके तहत राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में आने पर दिल्ली के शिक्षित लेकिन बेरोजगार युवाओं को एक वर्ष के लिए 8,500 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने घोषणा करते हुए कहा कि लाभार्थियों को "घर बैठे पैसे" नहीं मिलेंगे।
सचिन पायलट ने कहा, "हम उन युवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे जो किसी कंपनी, फैक्ट्री या संगठन में अपना कौशल दिखा सकते हैं। उन्हें इन कंपनियों के माध्यम से पैसा मिलेगा। यह कोई ऐसी योजना नहीं है जिसके तहत घर बैठे पैसे मिल जाएंगे।" उन्होंने कहा, "हम कोशिश करेंगे कि लोगों को उन क्षेत्रों में शामिल किया जाए, जहां उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त किया है, ताकि वे अपने कौशल को बेहतर बना सकें।"
दिल्ली के लिए कांग्रेस की गारंटी
— Congress (@INCIndia) January 12, 2025
✅ युवा उड़ान योजना
• युवाओं को एक साल की अप्रेंटिसशिप
• हर महीने मिलेंगे 8,500 रुपए
होगी हर जरूरत पूरी
कांग्रेस है जरूरी ✋#YuvaonKoMilenge8500pic.twitter.com/Z3uBtBvssy
दिल्ली चुनाव के लिए कांग्रेस की अन्य योजनाएं
6 जनवरी को, कांग्रेस ने "प्यारी दीदी योजना" की घोषणा की, जिसके तहत उसने दिल्ली में सरकार बनाने पर 2,500 रुपये प्रति माह देने का वादा किया। 8 जनवरी को, देश की सबसे पुरानी पार्टी ने 25 लाख रुपये तक के मुफ्त स्वास्थ्य बीमा के लिए “जीवन रक्षा योजना” की घोषणा की थी।
70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए मतदान 5 फरवरी को होगा और मतों की गिनती 8 फरवरी को होगी। कांग्रेस दिसंबर 2013 से दिल्ली की सत्ता से बाहर है, जब उसे आम आदमी पार्टी (आप) ने सत्ता से बाहर कर दिया था।
आप ने 2015 और 2020 में क्रमश: 67 और 62 सीटें जीतीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी दोनों बार दूसरे स्थान पर रही। दूसरी ओर, कांग्रेस दोनों चुनावों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई।