दिल्ली के सीमापुरी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान पथराव में शाहदरा के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजबीर सिंह घायल हो गए।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि राजबीर सिंह के सिर में मामूली चोट आयी है। उन्हें अस्पताल ले जाया गया है। सिंह ने संवाददाताओं को बताया, “यह घटना तब हुई जब पुलिस भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश कर रही थी।”
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर शुक्रवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया सहित तीन और मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए। अन्य दो स्टेशन जाफराबाद और मौजपुर..बाबरपुर हैं। मंगलवार को सीलमपुर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हिंसा और आगजनी हुई थी।
इस बीच दिल्ली पुलिस के अनुसार सीमापुरी में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पथराव में अतिरिक्त डीसीपी रोहित राजबीर सिंह को मामूली चोट आयी है।
मंगलवार को इस क्षेत्र में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ एक प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। इससे पहले रविवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास इस कानून के खिलाफ एक प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी।
डीएमआरसी ने ट्वीट किया, ‘‘जाफराबाद और मौजपुर..बाबरपुर मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश एवं निकास द्वार बंद हैं। ट्रेनें इन स्टेशनों पर नहीं रुकेंगी।’’ डीएमआरसी ने कुछ ही मिनट बाद एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रवेश एवं निकास द्वार बंद हैं। ट्रेनें इस स्टेशन पर नहीं रुकेंगी।’’ डीएमआरसी ने इससे पहले दिल्ली गेट, चावड़ी बाजार, लाल किला और जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद किए थे। इसके के साथ ही शुक्रवार को मेट्रो के बंद किए गए कुल स्टेशनों की संख्या बढ़कर सात हो गई।
मध्य दिल्ली में ऐतिहासिक जामा मस्जिद के पास हजारों लोगों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की भारी तैनाती के बीच हाथों में तख्तियां लिये प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ नारेबाजी करके अपना विरोध दर्ज कराया। मस्जिद में शुक्रवार की नमाज में शामिल होने के बाद बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन में शामिल हुए। हाथों में संविधान की एक प्रति लिए हुए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे थे।
कुछ प्रदर्शनकारी बी आर आंबेडकर, कांशीराम और भगत सिंह के पोस्टर लिये हुए थे। दिल्ली पुलिस ने क्षेत्र में किसी भी प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई अन्य क्षेत्रों में भी प्रदर्शन हुए जिनमें उत्तरपूर्व दिल्ली का सीलमपुर भी शामिल था। सीलमपुर में ही मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने बड़े पैमाने पर हिंसा की थी। जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च निकाल रहे लोगों को दिल्ली गेट के पास रोक दिया गया। पुलिस ने क्षेत्र में मुख्य मार्गों से जुड़ी सभी सड़कों पर बेरीकेडिंग लगा दी थी।
इससे यातायात जाम लग गया। भीम आर्मी प्रमुख आजाद ने जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक विरोध मार्च का आह्वान किया था। स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए क्षेत्र में द्रुत कार्य बल (आरएएफ) को तैनात किया गया है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन को देखते हुए कम से कम दस मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया है। प्रदर्शनकारियों की आवाजाही रोकने के लिए चावड़ी बाजार, लाल किला, जामा मस्जिद, दिल्ली गेट, जामिया मिल्लिया, जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, जौहरी एन्क्लेव, शिव विहार और दिलशाद गार्डन स्टेशनों के प्रवेश एवं निकास गेट बंद कर दिये गए हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को भी व्यापक प्रदर्शन देखने को मिला था। हजारों छात्र, कार्यकर्ता और विपक्षी पार्टियों के नेता सुरक्षा बलों की भारी तैनाती और निषेधाज्ञा के बावजूद सड़कों पर उतरे थे। आंदोलन को काबू में करने के लिए बृहस्पतिवार को दिल्ली के कई क्षेत्रों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी। इससे पहले शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने सीलमपुर क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया। अधिकारियों ने बताया कि उत्तरपूर्व दिल्ली के 12 पुलिस थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू की गई है।
उन्होंने बताया कि जिले में कानून एवं व्यवस्था स्थिति पर नजर रखने के लिए पुलिस ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पुत्री एवं दिल्ली महिला कांग्रेस प्रमुख शर्मिष्ठा तथा संगठन के कुछ और सदस्यों को गृहमंत्री अमित शाह के आवास के पास नये कानून के खिलाफ एक प्रदर्शन के दौरान हिरासत में ले लिया गया।