DefExpo 2020: चीता और चेतक के स्थान पर कामोव हेलीकॉप्टर, 2025 में रूस से मिलने की उम्मीद, ‘बंधन’ से जुड़े कई देश
By भाषा | Published: February 7, 2020 05:33 PM2020-02-07T17:33:09+5:302020-02-07T17:33:09+5:30
भारत और रूस ने अक्टूबर 2016 में भारत में हेलीकॉप्टरों के निर्माण के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और रूस की रक्षा क्षेत्र की दो प्रमुख कंपनियों के बीच संयुक्त उद्यम के लिए समझौता किया था।
भारत-रूस की साझेदारी के तहत भारत में बनाए जा रहे कामोव सैन्य हेलीकॉप्टरों की पहली खेप की आपूर्ति 2025 तक होने की संभावना है। इस परियोजना को देख रहे एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
भारत और रूस ने अक्टूबर 2016 में भारत में हेलीकॉप्टरों के निर्माण के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और रूस की रक्षा क्षेत्र की दो प्रमुख कंपनियों के बीच संयुक्त उद्यम के लिए समझौता किया था।
इंडो-रशियन हेलीकॉप्टर्स लिमिटेड के सीईओ एन. एम. श्रीनाथ ने कहा, ‘‘अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो हेलीकॉप्टरों की पहली खेप कर्नाटक के तुमकुर से 2025 तक उपलब्ध हो जाएगी।’’ संयुक्त उद्यम के तहत 200 कामोव 226टी हेलीकॉप्टरों का निर्माण किया जाना है।
भारत अपने पुराने चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों के स्थान पर कामोव हेलीकॉप्टरों को खरीद रहा है। कामोव का-226टी हेलीकॉप्टर में 72 प्रतिशत हिस्सा रूस का है और 28 प्रतिशत विभिन्न पश्चिमी देशों का। श्रीनाथ ने बताया कि हेलीकॉप्टर में भारतीय मूल के घटकों का प्रतिशत करीब 40 प्रतिशत रहेगा।
एचएएल को हल्के हेलीकॉप्टर के उत्पादन के लिये मिली मंजूरी
हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को शुक्रवार को डिफेंस एक्सपो में अपने लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) के लिये इनीशियल आपरेशनल क्लीयरेंस (आईओसी) प्राप्त हो गया। इससे एलयूएच के उत्पादन का रास्ता साफ हो गया है।
एचएएल के मुख्य प्रबन्ध निदेशक आर. माधवन ने यह आईओसी दस्तावेज डीआरडीओ के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी के हाथों प्राप्त किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
माधवन ने कहा कि ‘‘यह एचएएल के लिये यादगार लम्हा है। यह स्व-निर्भरता पर स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास (आर एण्ड डी) कार्यक्रमों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा और भारतीय सशस्त्र बलों के परिचालन प्रभाव को बढ़ाएगा। एचएएल तयशुदा समय-सीमा में अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।’’
एचएएल के आर एण्ड डी विभाग के निदेशक अरूप चटर्जी ने कहा कि लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर की मूलभूत विशेषताओं का प्रदर्शन हर भौगोलिक स्थितियों और सभी मौसमी परिस्थितियों में संतोषजनक है। लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर एक हल्का और फुर्तीला हेलीकॉप्टर है। इस देश में ही डिजाइन और विकसित किया गया है ताकि भारतीय सेना और वायुसेना की संचालनात्मक आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके। एलयूएच जल्द ही चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों के पुराने बेड़े की जगह लेगा।
Lucknow: Indian Army’s College of Military Engineering jointly with a private firm has developed India's first&world's cheapest gunshot locator. It can locate exact location of bullet from distance of 400 meters which will help to locate&neutralise terrorists faster. #DefExpo2020https://t.co/m2jb5d81qypic.twitter.com/9vLih6LBvb
— ANI UP (@ANINewsUP) February 7, 2020
थेल्स और एमकेयू मिलकर बनाएंगे नाइट विजन डिवाइस
रक्षा उपकरण निर्माता कम्पनियों थेल्स और एमकेयू ने भारत तथा दुनिया के अन्य विभिन्न देशों के सशस्त्र बलों के लिए नाइट विजन डिवाइस को साझा तौर पर विकसित करने की घोषणा की है। डिफेंस एक्सपो के दौरान किये गये इस एलान के जरिये दोनों कम्पनियों ने वर्ष 2018 में किये गये एमओयू को और मजबूत किया है। इस समझौते के तहत थेल्स और एमकेयू ने आप्ट्रोनिक डिवाइस को साझा तरीके से विकसित करने का इरादा किया था।
थेल्स के सीनियर एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट पास्केल सोरीस ने इस अवसर पर कहा कि उनकी कम्पनी एलफी को संयुक्त रूप से विकसित करने का इरादा करके एमकेयू के साथ सामरिक सम्बन्धों को आगे बढ़ाने को लेकर उत्साहित है। यह बहुउपयोगी नाइट विजन डिवाइस भारत के साथ—साथ सारी दुनिया के रक्षा बलों को पेश की जाएगी। एमकेयू लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक नीरज गुप्ता ने कहा ''हम थेल्स जैसी वैश्विक टेक्नॉलॉजी कम्पनी के साथ साझीदारी करके बहुत खुश हैं।
इस गठजोड़ के तहत थेल्स की विशेषज्ञता और एमकेयू की निर्माण क्षमताओं का संगम होगा। साथ ही यह रक्षा उद्योग की स्थानीय स्तर पर निर्माण क्षमता को भी मजबूती देगा।'' काफी दूर तक का नजारा दिखाने वाली हल्की मोनोकलर नाइट विजन डिवाइस 'एलफी' रात के अंधेरे में युद्ध करने के लिये जरूरी दृश्यता देती है।
एल्फी दूरबीन के विन्यास में एक स्टीरियोस्कोपिक दृष्टि उपलब्ध कराती है। यह उपकरण पैराट्रूपर्स और विशेष अभियान बलों के इस्तेमाल के लिये आदर्श है। इसे आयुध उपकरण पर लगाये जाने पर यह उपयोगकर्ता को लेजर प्वाइंट भी उपलब्ध कराता है। एमकेयू के कानपुर स्थित कारखाने में एलफी की पहली प्री—सीरीज के इस साल की पहली तिमाही के दौरान पूरी होने की सम्भावना है। वर्ष 2021 के पहली तिमाही तक इसके उपलब्ध हो जाने की उम्मीद है।
एचएएल ने इस्राइल की एल्बिट सिस्टम्स के साथ किया एमओयू
डिफेंस एक्सपो—2020 के दौरान बुधवार को हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड :एचएएल: और इस्राइल के एल्बिट सिस्टम्स इस्तार डिवीजन के बीच एमओयू पर दस्तखत हुए। यह एमओयू यूएवी को संयुक्त रूप से विकसित करने की व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए किया गया है।
एचएएल ने एक विज्ञप्ति में बताया कि सामुद्रिक एवं भूमि पर सैन्य आपरेशन के लिए यूएवी को संयुक्त रूप से विकसित करने की व्यवहार्यता का आकलन करना इस एमओयू का मकसद है। विज्ञप्ति में कहा गया कि इससे वैश्विक स्तर पर यूएवी की प्रौद्योगिकी, उत्पादन, मार्केटिंग एवं रखरखाव को लेकर एचएएल और एल्बिट के बीच परस्पर फायदे का सहयोग प्रोत्साहित होगा।
एमओयू पर एचएएल के निदेशक :इंजीनियरिंग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट: अरूप चटर्जी और एल्बिट सिस्टम्स के वाइस प्रेसीडेंट :बिजनेस डेवलपमेंट एंड मार्केटिंग: राय जेन्तनेरिन ने एचएएल के सीएमडी आर माधवन तथा एचएएल एवं एल्बिट सिस्टम्स के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में दस्तखत किये ।
Lucknow: Defence Minister Rajnath Singh, Chief of Defence Staff General Bipin Rawat, Chiefs of all the three services and other dignitaries participated in the first ever India-Africa Defence Ministers’ Conclave 2020, earlier today. pic.twitter.com/hahWtKgjZH
— ANI UP (@ANINewsUP) February 6, 2020
फोर्ज ने अमेरिका की जनरल एटॉमिक्स के साथ समझौते पर किए हस्ताक्षर
प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान करने वाली भारत फोर्ज लिमिटेड ने अमेरिकी कम्पनी जनरल एटॉमिक्स के साथ समझौते पर बुधवार को हस्ताक्षर किये। समझौते के अनुसार पानी की सतह और पानी के नीचे के नेवल प्लेटफॉर्म्स से जुड़ी ऊर्जा निर्माण, भंडारण, नियंत्रण और वितरण प्रौद्योगिकी को विकसित एवं एकीकृत करने के अवसरों के साथ भारतीय सुरक्षा दलों की जरूरतों के अनुसार वेपन सिस्टम प्लेटफॉर्म्स के लिए आधुनिक प्रोजेक्टाइल्स को बीएफएल और जनरल एटॉमिक्स इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिस्टम्स ग्रुप (जीए-ईएमएस) द्वारा जांचा जाएगा।
बीएफएल के चेयरमैन और प्रबन्ध निदेशक बाबा कल्याणी ने कहा, ''हम भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से देश में आधुनिक प्रौद्योगिकी लाने की दिशा में अथक प्रयास कर रहे हैं। जनरल एटॉमिक्स के साथ यह साझेदारी नौसेना प्रणालियों के लिए सर्वोत्तम उत्पादों का उत्पादन करने, आयात पर निर्भरता की वजह से हो रहे खर्च को कम करने और भारत में मजबूत रक्षा प्रौद्योगिकी और विनिर्माण व्यवस्था निर्माण की दिशा में एक दृढ़ कदम है।''
जनरल एटॉमिक्स के अध्यक्ष स्कॉट फोरने ने इस मौके पर कहा, ''हम भारतीय रक्षा उपक्रमों का समर्थन करने, भारत में आधुनिक ऊर्जा और हथियार व्यवस्था क्षमताएं लाने के लिए नीति विकास में भारत फोर्ज के साथ मिलकर काम करने के लिए बहुत उत्सुक हैं।'' उन्होंने कहा, ''समुद्र के अंदर और सतह प्लेटफॉर्म्स के लिए आधुनिक व्यवस्था और प्रौद्योगिकी में नवाचार लाना जारी रखते हुए हमारी ही तरह निपुणता एवं गुणवत्ता के प्रति अत्यंत जागरुक रहने के लिए पहचानी जाने वाली भारत फोर्ज जैसी कंपनियों के साथ काम करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।''