बिहार: चमकी बुखार का कहर, मुजफ्फरपुर में अब तक 128 बच्चों की मौत, कुल आंकड़ा 160 के पार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 22, 2019 09:50 IST2019-06-22T09:48:56+5:302019-06-22T09:50:22+5:30
chamki fever: इंसेफेलाइटिस को 'चमकी' बुखार के नाम से भी जाना जाता है। यह दिमाग की सूजन है जिससे मरीज को तेज बुखार चढ़ता है और दिमाग का कामकाज प्रभावित होता है।

बिहार: चमकी बुखार का कहर, मुजफ्फरपुर में अब तक 128 बच्चों की मौत, कुल आंकड़ा 160 के पार
बिहार में चमकी बुखार से बच्चों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक कुल 160 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं, एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक मुजफ्फरपुर में शनिवार को चार और बच्चों की मौत हो गई है। मुजफ्फरपुर में कुल 128 बच्चों की मौत हुई। इनमें से 108 बच्चों की मौत एसकेएमसीएच व 20 की केजरीवाल अस्पताल में हुई है।
बता दें कि बिहार में एईएस से कुल 650 बच्चे प्रभावित। वहीं , मुजफ्फरपुर में सबसे अधिक 580 बच्चे एईएस से जूझ रहे हैं। एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में कुल अभी 131 बच्चे एडमिट हैं। जिनका इलाज चल रहा है।
इससे पहले में शुक्रवार मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन के अनुसार सूबे में एईस से 104 बच्चों की मौत का आंकड़ा सामने आया था। बता दें कि बिहार स्वास्थ्य विभाग ने बृहस्पतिवार को इस बीमारी से होने वाली मौतों के संबंध में पूरे राज्य के आंकड़े जारी किये थे और कुल मौतों की संख्या 136 बताई थी। यह बीमारी 16 जिलों में फैल चुकी है। हालांकि अपुष्ट खबरों में दावा किया गया है कि यह संख्या 160 के पार कर चुकी है।
Bihar: Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) rises to 128 in Muzaffarpur. 108 deaths at SKMCH & 20 deaths at Kejriwal hospital. pic.twitter.com/btswzE3hEg
— ANI (@ANI) June 22, 2019
क्या है चमकी बुखार
इंसेफेलाइटिस को 'चमकी' बुखार के नाम से भी जाना जाता है। यह दिमाग की सूजन है जिससे मरीज को तेज बुखार चढ़ता है और दिमाग का कामकाज प्रभावित होता है। एईएस के लक्षण फ्लू जैसे ही हैं जिसमें तेज बुखार के साथ सिरदर्द, थकान, मतली, सुस्ती, उल्टी और मांसपेशियों में ऐंठन होना शामिल हैं। भारत में एईएस का सबसे बड़ा कारण जापानी बुखार या जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस है। इसके अलावा बैक्टीरिया, फंगस, परजीवी, कैमिकल्स, टॉक्सिन और स्पाइरोकेटस आदि भी इस बीमारी का कारण हैं।