दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर DDMA अलर्ट, 20 अप्रैल को होगी उच्च स्तरीय बैठक
By रुस्तम राणा | Updated: April 14, 2022 22:23 IST2022-04-14T22:17:37+5:302022-04-14T22:23:11+5:30
गुरुवार को दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 325 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण से कोई भी मौत नहीं हुई है। जबकि 224 मरीज इस गंभीर बीमारी से ठीक हुए हैं। देश की राजधानी में कोरोना के 915 मामले सक्रिय हैं।

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर DDMA अलर्ट, 20 अप्रैल को होगी उच्च स्तरीय बैठक
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली में बढ़ रहे कोरोना के मामले ने एकबार फिर से चिंता बढ़ा दी है। राज्य में बढ़तो कोरोना वायरस के मामलों को लेकर मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की उच्च स्तरीय बैठक 20 अप्रैल को होगी। डीडीएमए की इस बैठक में एलजी अनिल बैजल, सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य मौजूद रहेंगे।
बीते 24 घंटे में आए कोविड-19 के 325 नए मामले
गुरुवार को दिल्ली में कोविड-19 के 325 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण से कोई भी मौत नहीं हुई है। जबकि 224 मरीज इस गंभीर बीमारी से ठीक हुए हैं। देश की राजधानी में कोरोना के 915 मामले सक्रिय हैं।
Delhi reports 325 fresh #COVID19 cases, 224 recoveries and zero deaths in the last 24 hours.
— ANI (@ANI) April 14, 2022
Active cases 915 pic.twitter.com/PUjY01eerN
स्कूलों के लिए जारी की नई एडवाइजरी
वहीं दिल्ली में कोरोना संक्रमण को लेकर स्कूलों के लिए कोविड-19 से संबंधित नई एडवाइजरी जारी की गई है। जिसके तहत यदि किसी छात्र या कर्मचारी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि होती है तो समूचे परिसर को या खास हिस्से को अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाए।
सामाजिक दूरी और मास्क पहनने की दी गई सलाह
शिक्षा निदेशालय ने यह भी कहा कि छात्रों और कर्मचारियों को मास्क पहनना चाहिए तथा यथासंभव आपस में दूरी बनाये रखनी चाहिए। दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कुछ छात्रों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की खबरों के बीच 13 अप्रैल को यह परामर्श जारी किया गया।
इसके साथ एडवाइजरी में, नियमित रूप से हाथ धोने और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने और कोविड की रोकथाम के बारे में छात्रों, शिक्षकों एवं अन्य सहायक कर्मचारियों और आगंतुक अभिभावकों के बीच जागरूकता पैदा करने की सलाह दी गई है।