दरियागंज हिंसाः कोर्ट ने की दिल्ली पुलिस की खिंचाई, कहा- 'चंद्रशेखर आजाद उभरते हुए नेता, जामा मस्जिद पर विरोध करना क्या गलत

By रामदीप मिश्रा | Updated: January 14, 2020 13:05 IST2020-01-14T13:05:22+5:302020-01-14T13:05:22+5:30

म आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के संगठन ने 20 दिसंबर को पुलिस की अनुमति के बिना सीएए के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च का आयोजन किया था। इस मामले में गिरफ्तार अन्य 15 लोगों को अदालत ने नौ जनवरी को जमानत दे दी थी। 

Daryaganj violence: Chandrashekhar Azad is a budding politician. What is wrong with protests says Delhi Court | दरियागंज हिंसाः कोर्ट ने की दिल्ली पुलिस की खिंचाई, कहा- 'चंद्रशेखर आजाद उभरते हुए नेता, जामा मस्जिद पर विरोध करना क्या गलत

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Highlightsभीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की जमानत याचिका पर सुनवाई दिल्ली की अदालत ने मंगलवार को टाल दी है। अब इस याचिका पर सुनवाई बुधवार (15 जनवरी) को की जाएगी।

पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा मामले में गिरफ्तार भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की जमानत याचिका पर सुनवाई दिल्ली की अदालत ने मंगलवार को टाल दी है। अब इस याचिका पर सुनवाई बुधवार (15 जनवरी) को की जाएगी। इस बीच कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई है। 

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की खिंचाई है और कहा है कि लोग कहीं भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। जामा मस्जिद पाकिस्तान में नहीं है जहां हमें विरोध करने की अनुमति नहीं है। शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पाकिस्तान में भी होते हैं।


कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि किस कानून में उल्लेख है कि किसी भी धार्मिक स्थान के सामने विरोध करना प्रतिबंध है।

कोर्ट ने कहा, 'भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद एक उभरते हुए नेता हैं। विरोध करने में क्या गलत है? मैंने कई लोगों को देखा है और कई मामले भी देखे हैं जहां विरोध प्रदर्शन संसद के बाहर हुए।'

बता दें कि भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने जमानत के लिए दिल्ली की अदालत में याचिका में दायर की। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके खिलाफ अस्पष्ट आरोप लगाया है और गिरफ्तारी के लिए निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया। मौजूदा समय में न्यायिक हिरासत में मौजूद आजाद ने दावा किया कि प्राथमिकी में उनके खिलाफ आरोप लगाए गए हैं जो न केवल ‘‘आधारहीन’’ हैं बल्कि ‘‘विचित्र’’ भी हैं। आजाद की जमानत याचिका वकील महमूद प्राचा के जरिये दाखिल की गई। 

इसमें कहा गया है कि प्राथमिकी में आजाद की विशेष भूमिका की जानकारी नहीं है और उसकी सामग्री ‘‘अनिश्चित’’ और ‘‘अटकलों’’ एवं ‘‘संदेह’’ पर आधारित है, जबकि वह शांति कायम रखने की कोशिश कर रहे थे। आजाद के संगठन ने 20 दिसंबर को पुलिस की अनुमति के बिना सीएए के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च का आयोजन किया था। इस मामले में गिरफ्तार अन्य 15 लोगों को अदालत ने नौ जनवरी को जमानत दे दी थी। 

भीम आर्मी प्रमुख ने अपनी याचिका में कहा कि वह मामले की जांच में पूरा सहयोग करने को इच्छुक हैं और वह किसी सबूत से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और न ही किसी गवाह को प्रभावित करेंगे। 

Web Title: Daryaganj violence: Chandrashekhar Azad is a budding politician. What is wrong with protests says Delhi Court

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