कश्मीर में अंतिम 'दरबार मूव' के लिए बंद हुए कार्यालय, अब जम्मू में खुलेगा सचिवालय, वापस श्रीनगर लौटेगा या नहीं कोई निर्णय नहीं

By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 26, 2019 06:10 AM2019-10-26T06:10:02+5:302019-10-26T06:10:02+5:30

श्रीनगर में 25 अक्टूबर को दरबार बंद होने के बाद वहां पर लोगों के कामकाज के लिए 28 अक्टूबर से शीतकालीन सचिवालय काम करने लगेगा। इसके लिए जम्मू कश्मीर सरकार ने वीरवार को सरकारी आदेश जारी कर दिया।

Darbar move: Offices closed in Srinagar on Oct 25 | कश्मीर में अंतिम 'दरबार मूव' के लिए बंद हुए कार्यालय, अब जम्मू में खुलेगा सचिवालय, वापस श्रीनगर लौटेगा या नहीं कोई निर्णय नहीं

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Highlightsराजधानी श्रीनगर में शुक्रवार की शाम सचिवालय बंद (दरबार मूव) हो गया। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर का अंतिम दरबार मूव शुरू हो गया।केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में सरकार का दरबार जम्मू में चार नवंबर से काम करेगा।

राजधानी श्रीनगर में शुक्रवार की शाम सचिवालय बंद (दरबार मूव) हो गया। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर का अंतिम दरबार मूव शुरू हो गया। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में सरकार का दरबार जम्मू में चार नवंबर से काम करेगा। फिलहालद इसके प्रति असमंजस की स्थिति है कि 6 महीनों के बाद ‘दरबार’ श्रीनगर वापस लौटेगा या नहीं क्योंकि 31 अक्तूबर को केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू कश्मीर की राजधानी एक ही रहेगी या दो फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है।

श्रीनगर में 25 अक्टूबर को दरबार बंद होने के बाद वहां पर लोगों के कामकाज के लिए 28 अक्टूबर से शीतकालीन सचिवालय काम करने लगेगा। इसके लिए जम्मू कश्मीर सरकार ने वीरवार को सरकारी आदेश जारी कर दिया। एक केएएस अधिकारी समेत 11 अधिकारी व कर्मचारी लोगों के मसलों के समाधान के लिए श्रीनगर सचिवालय में सर्दियों के महीनों में काम करते रहेंगे।

अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन उनके विभागों की ओर से ही जारी किया जाएगा।जम्मू के सचिवालय कर्मियों को मिली दो दिन की विशेष छुट्टी जम्मू के सचिवालय कर्मचारी वीरवार दोपहर अपने घरों में पहुंच गए। 

राज्य सरकार ने उन्हें दो दिन की विशेष छुट्टी दी है। दूसरी ओर श्रीनगर सचिवालय में वीरवार को सरकारी विभागों के रिकॉर्ड को पैक कर दिया गया। शुक्रवार दोपहर को प्रशासनिक सचिवों की मेजों पर पड़ी महत्वपूर्ण फाइलों को भी पैक कर जम्मू लाने की तैयारी हो जाएगी। अब सिर्फ कश्मीर के कर्मचारी ही काफिले में दो और तीन नवंबर को जम्मू आएंगे।

अनुच्छेद 370 के तहत मिले अधिकारों को गंवाने वाले कश्मीरियों को अब एक नया डर सता रहा है। यह डर ‘दरबार मूव’ की प्रक्रिया के थम जाने का है। ‘दरबर मूव’ अर्थात राजधानी बदले जाने की प्रक्रिया है जिसके तहत गर्मियों में राजधानी श्रीनगर चली जात है और सर्दियों में यह जम्मू में आ जाती है। इसमें राज्यपाल के आफिस के साथ ही सचिवालय के सभी कार्यालय भी मूव कर जाते हैं। और यह डर इसलिए है क्योंकि 31 अक्तूबर को राज्य के केंद्र शासित प्रदेश में बदल जाने के बाद फिलहाल इसमें एक या दो राजधानी का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है।

फिलहाल ‘दरबार’ अर्थात राज्यपाल के आफिस समेत सचिवालय के सभी कार्यालय श्रीनगर में ही हैं जो 25 अक्तूबर को बंद होकर 4 नवम्बर को जम्मू में खुलेंगें। हालांकि 5 अगस्त को धारा 370 को हटाए जाने के बाद से ही ‘दरबार मूव’ को लेकर भिन्न प्रकार की अफवाहें उड़ने लगी थीं। जम्मू वाले इस बात को लेकर खुश थे कि अब ‘दरबार मूव’ से मुक्ति मिल जाएगी। 

दरअसल, कहा यह जा रहा था कि जम्मू व श्रीनगर में दो नागरिक सचिवालय बना दिए जाएंगें। पर बड़ी रोचक बात यह है कि केंद्र शासित प्रदेश में राजधानी का कोई प्रावधान नहीं होने के कारण ‘दरबार मूव’ अर्थात राजधानी स्थानांतरण के प्रावधान को कैसे लिया जाए।

तब राज्य सरकार ने यह आदेश जारी किया था कि ‘दरबार’ जम्मू में स्थानांतरित होगा और पहले की तरह सचिवालय जम्मू में कार्य करेगा। लेकिन अभी तक यह घोषणा नहीं हो पाई है कि क्या यह दरबार वापस श्रीनगर लौटेगा। और अगर सच में यह लौटेगा तो यह उन लोगों के सीने पर सांप के लौटने जैसा होगा जो धारा 370 और 35-ए के विरोधी थे और 1872 से चली आ रही परंपरा को न रोक पाने का दर्द उनको हमेशा सालता रहेगा।

Web Title: Darbar move: Offices closed in Srinagar on Oct 25

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