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अप्रैल से लागू होगा ग्राहक संरक्षण कानून, कारावास समेत कड़ा जुर्माना प्रावधान, जानिए क्या है

By भाषा | Published: February 19, 2020 8:57 PM

संसद ने पिछले साल उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी। यह उपभोक्ता संरक्षण कानून, 1986 का स्थान लेगा। इस कानून में उपभोक्ता विवादों की निपटान व्यवस्था और प्रक्रिया में सुधार पर जोर है। इसमें मिलावट और गुमराह करने वाले विज्ञापनों के लिये कारावास समेत कड़ा जुर्माना प्रावधान शामिल है।

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ठळक मुद्देऑनलाइन खरीदारी बढ़ाने के साथ ई-वाणिज्य क्षेत्र के नियमन पर भी जोर दिया।मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन सौदों में धेखाधड़ी और गुमराहत करने वाले विज्ञापनों पर भी चर्चा हुई।

खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने बुधवार को कहा कि सरकार उपभोक्ता संरक्षण कानून क्रियान्वित करने के लिये नियमों की अधिसूचना और प्राधिकरण का गठन इस साल अप्रैल तक कर देगी।

उन्होंने ऑनलाइन खरीदारी बढ़ाने के साथ ई-वाणिज्य क्षेत्र के नियमन पर भी जोर दिया। संसद ने पिछले साल उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी। यह उपभोक्ता संरक्षण कानून, 1986 का स्थान लेगा। इस कानून में उपभोक्ता विवादों की निपटान व्यवस्था और प्रक्रिया में सुधार पर जोर है। इसमें मिलावट और गुमराह करने वाले विज्ञापनों के लिये कारावास समेत कड़ा जुर्माना प्रावधान शामिल है।

पासवान ने प्रस्तावित केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के प्रमुख प्रावधानों के साथ उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत बने नियम एवं नियमन के बारे में उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। उद्योग मंडल फिक्की, एसोचैम, सीआईआई, पीएचडी चैंबर और डीआईसीसीआई के साथ अमेजन, एचयूएल, प्राक्टर एंड गैम्बल, वोडाफोन, स्नैपडील, जोमैटो और पेटीएम के अधिकारी बैठक में शामिल हुए। पासवान ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने उद्योग प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। हर किसी ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिये लाये गये नये कानून का स्वागत किया। उन्होंने अच्छे सुझाव दिये।’’

मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन सौदों में धेखाधड़ी और गुमराहत करने वाले विज्ञापनों पर भी चर्चा हुई। उद्योग ने ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिये स्व-नियामकीय प्रणाली को मजबूत करने और बेहतर वैश्विक गतिविधियों को अपनाने का वादा किया। यह पूछे जाने पर कि कानून का क्रियान्वयन कब तक किया जाएगा, पासवान ने कहा कि नियम के साथ प्राधिकरण अप्रैल पहले सप्ताह से अस्तित्व में आएगा। उन्होंने कहा कि सीसीपीए में जांच के लिये अलग इकाई होगी जो उपभोक्ताओं के अधिकारों, अनुचित व्यापार गतिविधियों और गुमराहत करने वाले विज्ञापनों से जुड़े मामलों में पूछताछ और जांच करेगी।

नये कानून में सीसीपीए के अंतर्गत जिला कलेक्टरों को भी ग्राहकों के हितों को प्रभावित करने वाले मामले की जांच का अधिकार दिया गया है। पासवान ने उद्योग से कहा कि प्राधिकरण केवल गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के लिये जवाबदेह होगा और जेल की सजा केवल गंभीर मामलों में ही होगी।

मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी प्राथमिकता ग्राहकों का संतोष है। लेकिन हम उद्योग को अनावश्यकत रूप से समस्या में नहीं डालना चाहते।’’ एक आधिकारिक बयान के अनुसार केंद्रीय मंत्री ने ई-वाणिज्य और सीधे ग्राहकों को सामान बेचने वाली कंपनियों के नियमन पर जोर दिया। फिलहाल इन क्षेत्रों के लिये कोई नियामकीय निकाय नहीं है 

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