crude oil: धर्मेंद्र प्रधान बोले बोले- हम गैस नीति, एक नई शुल्क नीति की ओर बढ़ रहे हैं, भारत तर्कसंगत दाम का पक्षधर

By भाषा | Updated: May 8, 2020 19:26 IST2020-05-08T19:26:46+5:302020-05-08T19:26:46+5:30

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार गैस नीति, एक्सचेंज पर काम शुरू करने जा रही है। कच्चे तेल में हम नजर बनाए हुए है। भारत सबको साथ लेकर चलने में पक्षधर है।

Crude oil Dharmendra Pradhan hints new gas policy current pricing formula economically unviable low oil prices | crude oil: धर्मेंद्र प्रधान बोले बोले- हम गैस नीति, एक नई शुल्क नीति की ओर बढ़ रहे हैं, भारत तर्कसंगत दाम का पक्षधर

हम बहुत जल्द एक गैस एक्सचेंज की योजना बना रहे हैं और हम अपने वितरण तंत्र को उदार बनायेंगे। (file photo)

Highlightsप्रधान ने यह भी कहा कि भारत गैस की तर्कसंगत कीमतों का पक्षधर है, जिसमें कि उत्पादक देशों को भी कुछ गुंजाइश उपलब्ध हो।भारत का दृष्टिकोण यही है कि कीमतें मुनासिब और जवाबदेह स्तर पर होनी चाहिये। बहुत कम कीमत इस स्थिति का जवाब नहीं है।

नई दिल्लीः केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने देश में पर्यावरण के अनुकूल ईंधन ‘प्राकृतिक गैस’ के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये किये जा रहे सुधारों के तहत एक नयी गैस नीति लाने और साथ ही एक गैस एक्सचेंज शुरू करने का शुक्रवार को संकेत दिया।

प्रधान ने यह भी कहा कि भारत गैस की तर्कसंगत कीमतों का पक्षधर है, जिसमें कि उत्पादक देशों को भी कुछ गुंजाइश उपलब्ध हो। उन्होंने कहा, "हमें उचित तर्कसंगत मूल्य को अपनाना होगा। भारत एक प्रमुख उपभोक्ता है। लेकिन इस मोड़ पर भी, भारत का दृष्टिकोण यही है कि कीमतें मुनासिब और जवाबदेह स्तर पर होनी चाहिये। बहुत कम कीमत इस स्थिति का जवाब नहीं है।

जवाब है उचित एवं तर्कसंगत मूल्य। सेरावीक वार्तालाप श्रृंखला के नवीनतम संस्करण में उन्होंने कहा, "तेल की कीमतें ऐसी होनी चाहिये, जिससे उत्पादक देशों को कुछ जगह मिले। यह उनके लिये लाभदायक होना चाहिये; यह उनके लिये व्यवहार्य होना चाहिये।"

इस वार्तालाप की आयोजक आईएचएस मार्किट ने उनके संबोधन की प्रति उपलब्ध कराई। प्रधान की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब कुछ ही रोज पहले कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 18.10 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गयी थीं, जो कि नवंबर 2001 के बाद का सबसे निचला स्तर है। उसके बाद से कच्चा तेल की दरें 30 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास चल रही हैं। मंत्री ने लॉकडाउन के बाद लंबी अवधि की ऊर्जा नीति प्राथमिकताओं पर कहा, "हम एक नयी गैस नीति, एक नयी शुल्क नीति की ओर बढ़ रहे हैं।

हम बहुत जल्द एक गैस एक्सचेंज की योजना बना रहे हैं और हम अपने वितरण तंत्र को उदार बनायेंगे।" भारत में प्राकृतिक गैस की कीमतें एक दशक से भी कम समय में सबसे नीचे हो गयी हैं, जिससे ओएनजीसी जैसे उत्पादकों को कारोबार में घाटा हो रहा है। प्राकृतिक गैस की कीमतें एक अप्रैल के बाद गिरकर 2.39 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट पर आ गयी हैं। यह दर उत्पादन की लागत से भी करीब 37 प्रतिशत कम है। प्राकृतिक गैस का उपयोग उर्वरकों के उत्पादन में, बिजली पैदा करने में, वाहनों के उपयोग के लिये सीएनजी गैस बनाने में तथा रसोई गैस में परिवर्तित करने में किया जाता है।

हालांकि, प्रधान ने नीतिगत सुधारों के बारे में विस्तार से नहीं बताया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली सरकार ने अक्टूबर 2014 में एक नये मूल्य निर्धारण फॉर्मूले को पेश किया था, जो अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे गैस अधिशेष देशों में प्रचलित दरों पर आधारित है। इसके तहत साल में दो बार गैस का मूल्य निर्धारण किया जाता है। सेरावीक वार्तालाप में प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने के लिये लागू देशव्यापी लॉकडाउन के हटाये जाने के बाद सरकार शहर के गैस नेटवर्क के विस्तार पर जोर दे रही है।

उन्होंने कहा, "हम लॉकडाउन में ढील के बाद शहरी गैस वितरण नेटवर्क के विस्तार पर बहुत ध्यान दे रहे हैं। इससे दो चीजें होंगी, पहली कि इससे देश के ज्यादातर हिस्से में दीर्घकालिक भविष्य के अनुकूल बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा। दूसरी कि इस मौके पर हमें रोजगार के अधिक अवसरों की जरूरत है, अधिक रोजगार सृजन की आवश्यकता है और गैस विस्तार के लिये एक आदर्श योजना है।’’

 

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