जम्मू-कश्मीर: कोरोना कहर के बीच अनंतनाग में आतंकवादी हमले में एक CRPF जवान शहीद
By अनुराग आनंद | Published: April 7, 2020 07:23 PM2020-04-07T19:23:44+5:302020-04-07T19:29:02+5:30
ग्रेनेड से किए गए इस हमले में सीआरपीएफ के एक जवान शहीद हो गए।
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिला स्थित बिजबेहरा में आतंकवादियों ने सीआरपीएफ दस्ते पर हमला कर दिया। ग्रेनेड से किए गए इस हमले में सीआरपीएफ के एक जवान शहीद हो गए।
अनंतनाग के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संदीप चौधरी ने मीडिया से कहा कि आतंकवादी हमले में हमारे सीआरपीएफ के एक जवान ने अपनी जान गंवा दी है।
#UPDATE The CRPF jawan has lost his life in the terrorist attack(in Bijbehara, Anantnag): Sandeep Choudhary,Senior Superintendent of Police,Anantnag #JammuandKashmirhttps://t.co/7FmIfonWzP
— ANI (@ANI) April 7, 2020
बता दें कि एलओसी से सटे केरन सेक्टर में रंगडोरी में पिछले तीन दिनों से जारी मुठभेड़ के बाद आतंकियों को रविवार सुबह को मार गिराया। किसी भी एंगल से मुठभेड़ न होकर यह एक ‘मिनी युद्ध’ था क्योंकि उसमें उन बहादुर भारतीय सैनिकों ने विजय फतह की, जिन्होंने वर्ष 2016 में पाकिस्तान के भीतर घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देकर अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया था।
चिनार कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ऐसे बहादुर जवानों को सेल्यूट करते हुए कहते थे कि रंगडोरी अभियान अत्यंत ही चुनौतीपूर्ण था। इस अभियान को पूरा करने वाले अपने जवानों को मैं बधाई देता हूं। घुसपैठ पहली अप्रैल की सुबह हुई थी। उसी दिन आतंकी एक नाले की तरफ भाग निकले थे।
अगले दो दिन तक पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया। उनके भागने के सभी रास्ते बंद किए गए। अभियान के दौरान एक आतंकी एलओसी की तरफ भागा, उसे जल्द ही मार गिराया गया। अन्य आतंकियों के साथ नजदीकी अर्थात् आमने-सामने की लड़ाई हुई। मारे गए आतंकी पूरी तरह प्रशिक्षित थे। उनके पास से जो सामान मिला है, उससे पता चलता है कि वह यहां किसी बड़ी वारदात को ही अंजाम देने के लिए आए थे।
उन्होंने कहा कि इस घुसपैठ से पाकिस्तान के इरादों को समझा जा सकता है। इस समय पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही है और वह यहां आतंकियों को खून खराबा करने के लिए घुसपैठ करा रहा है।
सेना प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि जिन परिस्थितियों में पांचों घुसपैठियों को मार गिराया गया है, वह बहुत ही कठिन थीं। मारे गए घुसपैठिए किसी भी तरह से सामान्य आतंकी नहीं थे।
उनके पास से हथियारों का जो जखीरा मिला है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि वह यहां किसी बड़े हमले को अंजाम देने के लिए ही विशेष तौर पर भेजे गए थे। वह किसी प्रशिक्षित सैन्य कमांडों की तरह ही लैस थे।
रंगडोरी में मारे गए आतंकियों से पांच असाल्ट राइफलें, पांच एके मैगजीन, छह हथगोले, छह यूबीजीएल ग्रेनेड, एक गारमीन जीपीएस, एक आईकॉम रेडियो सेट, एक अल्ट्रा रेडियो सेट, दो मोबाइल फोन, एक घड़ी, दो आधार कार्ड, एक चार्जर और एक ब्लूटूथ हैंडसेट मिला है।