कन्हैया कुमार भाकपा के प्रति ईमानदार नहीं थे, डी राजा बोले-कम्युनिस्ट विचारधारा में कोई आस्था नहीं, महज दिखावा था...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 28, 2021 08:16 PM2021-09-28T20:16:51+5:302021-09-28T20:19:18+5:30

डी राजा ने कहा कि भाकपा जातिविहीन, वर्गविहीन समाज के लिए संघर्ष करती रही है। कन्हैया कुमार की कुछ व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं और आकांक्षाएं रही होंगी।

CPI General Secretary D Raja Kanhaiya Kumar not straightforward and truthful to my party expelled himself | कन्हैया कुमार भाकपा के प्रति ईमानदार नहीं थे, डी राजा बोले-कम्युनिस्ट विचारधारा में कोई आस्था नहीं, महज दिखावा था...

यह दर्शाता है कि उन्हें कम्युनिस्ट और मजदूर वर्ग की विचारधारा में कोई विश्वास नहीं है।

Highlightsशहीद पार्क जाकर भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।कन्हैया कुमार ने कहा कि करोड़ों नौजवानों को लगने लगा है कि कांग्रेस नहीं बचेगी, तो देश भी नहीं बचेगा।

नई दिल्लीः भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने कहा कि कन्हैया कुमार की कम्युनिस्ट विचारधारा में कोई आस्था नहीं थी और उन्होंने खुद को पार्टी से निष्कासित कर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुमार भाकपा नेतृत्व के प्रति ईमानदार नहीं थे।

राजा ने कहा, ‘‘कुमार ने खुद को पार्टी से निष्कासित कर लिया है। वह पार्टी के प्रति ईमानदार नहीं थे। कन्हैया के आने से पहले भाकपा थी और आगे भी बनी रहेगी।’’ उन्होंने यह दावा भी किया कि कन्हैया कुमार की कम्युनिस्ट विचारधारा में कोई आस्था नहीं थी। गौरतलब है कि कन्हैया कुमार मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए।

डी राजा ने कहा कि भाकपा जातिविहीन, वर्गविहीन समाज के लिए संघर्ष करती रही है। कन्हैया कुमार की कुछ व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं और आकांक्षाएं रही होंगी। यह दर्शाता है कि उन्हें कम्युनिस्ट और मजदूर वर्ग की विचारधारा में कोई विश्वास नहीं है। पार्टी उनके शामिल होने से पहले मौजूद थी और उनके निष्कासन के बाद भी सफल होगी। हमारी पार्टी निस्वार्थ संघर्ष और बलिदान के लिए है। 

कांग्रेस में शामिल हुए कन्हैया कुमार, बोले: कांग्रेस बचेगी, तभी देश बचेगा

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके साथ ही, गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी भी ‘वैचारिक रूप से’ कांग्रेस के साथ जुड़े, हालांकि विधायक होने के कारण कुछ तकनीकी मुद्दों के मद्देनजर आने वाले दिनों में वह औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे।

शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती के अवसर पर इन दोनों युवा नेताओं ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और उनके साथ शहीद पार्क जाकर भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में मेवानी ने राहुल गांधी को संविधान की प्रति भेंट की, तो कन्हैया ने उन्हें महात्मा गांधी, भीमराव आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर भेंट की। इसके बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने संवाददाता सम्मेलन में दोनों नेताओं का स्वागत किया।

वेणुगोपाल ने कहा, "कन्हैया कुमार देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रतीक हैं। उनके शामिल होने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा। जिग्नेश जी के भी शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। " भक्त चरण दास ने कहा, " कन्हैया और जिग्नेश ने भगत सिंह की जयंती पर ऐतिहासिक निर्णय लिया है। दोनों ने कमजोर और बेसहारा लोगों की आवाज उठाई है। राहुल जी के साथ इन दोनों नेताओं का विचारधारा का मेल भी है। ये दोनों नेता कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।"

कन्हैया कुमार ने कहा कि करोड़ों नौजवानों को लगने लगा है कि कांग्रेस नहीं बचेगी, तो देश भी नहीं बचेगा और ऐसे में वह लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए कांग्रेस में शामिल हुए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि देश में वैचारिक संघर्ष को कांग्रेस ही नेतृत्व ही दे सकती है। उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का धन्यवाद किया।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे महसूस होता है कि इस देश की सत्ता में एक ऐसी सोच के लोग काबिज हैं, जो इस देश की चिंतन परंपरा, संस्कृति, इसके मूल्य, इतिहास और वर्तमान को खत्म कर रहे हैं। इस सोच से लड़ना है... देश की सबसे पुरानी और सबसे लोकतांत्रिक पार्टी में इसलिए शामिल होना चाहते हैं क्योंकि यह पार्टी नहीं बचेगी, तो देश नहीं बचेगा।’’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘आज देश को भगत सिंह के 'साहस', अम्बेडकर की 'समानता' और गांधी की 'एकता' की जरूरत है।’’

जिग्नेश ने कहा कि देश के युवाओं और संविधान में विश्वास करने वालों को मिलकर लड़ाई लड़नी है क्योंकि देश अब तक के सबसे अप्रत्याशित संकट का सामना कर रहा है। मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे।

कन्हैया पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भाकपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे थे, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।  दूसरी तरफ, दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जिग्नेश गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं।

Web Title: CPI General Secretary D Raja Kanhaiya Kumar not straightforward and truthful to my party expelled himself

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