नई दिल्ली, 20 मार्च: पांच राज्यों में जाली सर्टिफिकेट की मदद से गोमांस का अवैध एक्सपोर्ट (निर्यात) किया जा रहा है। बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और झारखंड में ये फर्जीवाड़ा हो रहा है। इन पांच राज्यों में भैंसा की मीट के नाम पर गोमांस बचा एक्सपोर्ट किया जा रहा है। गैरकानूनी तरीके से निर्यात को लेकर पिछले दो महीने के अंदर पांचों राज्यों के पुलिस ने 9 एफआईआर दर्ज की है। पिछले 2 महीने में पुलिस ने 1,011 टन गाय का मांस जब्त किया है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपए हैं।
भारत भैंस के मीट का सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत में गाय के मांस के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध है। नियमों के अनुसार,एक्सपोर्ट किए जाने वाले मांस की खेप के साथ तीन रिपोर्ट- एंटे मॉर्टम, पोस्ट मॉर्टम और लैबरेटरी रिपोर्ट होनी जरूरी हैं। लेकिन जिन मामलों की जांच की जा रही है, उनमें कंसाइनमेंट के साथ केवल सरकारी लैबरेटरी और जानवरों के सरकारी डॉक्टर की ओर से जारी हेल्थ सर्टिफिकेट थे। भैंस के मीट के लेबल वाली मीट जब्त करने के बाद राज्यों की एजेंसियों ने फॉरेंसिक साइंस लैबरेटरी के पास सैंपल भेजे थे। फारेंसिंक लेब वालों ने नौ में से सात में सैम्पल के गाय के मांस होने की पुष्टि की है। दिल्ली की दो कंपनियों- वर्टेक्स एग्री प्रॉडक्ट्स और ग्लोबल फूड इंटरनैशनल कॉर्पोरेशन के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में लगभग आधा दर्जन मामले चल रहे हैं। वर्टेक्स एग्री प्रॉडक्ट्स के मालिक के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट और लुक आउट नोटिस जारी किए गए हैं।