केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन बोले-अगले 6-8 महीने में 30 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन का लग सकता है टीका
By एसके गुप्ता | Updated: December 19, 2020 21:05 IST2020-12-19T21:03:06+5:302020-12-19T21:05:12+5:30
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ.हर्षवर्धन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस पर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स(GoM) की 22वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और विदेश मंत्री एस.जयशंकर भी मौजूद रहे।

पूरे भारत में 16 करोड़ से ज़्यादा टेस्ट हो चुके हैंः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ.हर्षवर्धन. (file photo)
नई दिल्लीः भारत ने इस स्तर की तैयारी कर ली है कि अगले 6-8 महीने में 30 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन का टीका लग सकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने शनिवार को कोविड-19 पर उच्च स्तरीय मंत्री समूह की 22वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात वैक्सीनेशन की तैयारियों को लेकर कही। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ ही बुजुर्ग और पहले से गंभीर रोगों से ग्रस्त व्यक्ति शामिल होंगे।
इसके अलावा सभी सैनिक बलों के साथ उच्च स्तरीय बैठक हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री ने वैक्सीनेशन के काम में तेजी लाने के निर्देश के साथ वैक्सीन अप्रूवल में हो रही देरी के कारणों पर भी चर्चा की।वस्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से वैक्सीनेशन कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर जानकारी दी गई।
जिसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, असम राइफल्स, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी और एनडीआरएफ के आईजी के साथ हुई बैठक और उन्हें को-विन वेबसाइट और एप पर रजिस्ट्रेशन की जानकारी देने संबंधी योजना के बारे में भी बताया गया। आठ दिसंबर को सैन्य बलों के साथ हुई बैठक में सेना के अंदर सभी हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर्स की जानकारी ली गई है।
जिन्हें पहले चरण में वक्सीन दी जानी है। बैठक में केंद्रीय विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर, नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय मौजूद रहे और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डा. वीके पॉल, प्रधानमंत्री के सलाहकार अमरजीत सिन्हा और भास्कर खुल्बे वर्चुअल माध्यम से मौजूद थे।
नीति आयोग के सदस्य डा. वीके पॉल ने मंत्री समूह को 12 अन्य देशों से विदेश मंत्रालय को प्राप्त वैक्सीन के बारे में मिले अनुरोध की जानकारी दी। इसके अलावा वैक्सीन लगाने के तीन महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की। जिसमें सभी वैक्सीन का पूर्व नैदानिक और नैदानिक परीक्षण, भारत में परीक्षण किए जाने वाले छह वैक्सीन कैंडीडेट का विवरण दिया।
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंत्री समूह को अनुरोध पर जांच करने की सरकार की नीति से अवगत कराते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति में लक्षण है तो वह बिना प्रिसक्रिप्शन के अपनी जांच करा सकता है। इसके अलावा सूचना, शिक्षा और प्रसार गतिविधियों से जहां संक्रमण का ज्यादा फैलाव है वहां लोगों को बेहतर स्वास्थ्य और व्यवहार के लिए जागरूक किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि भारत में कोरोना वृद्धि दर गिरकर 2 फीसदी हो गई है और भारत 1.45 फीसदी मृत्यु दर के साथ विश्व में न्यूनतम मृत्यु दर वाले देशों में से एक है। भारत की रिकवरी दर बढ़कर 95.46 फीसदी हो गई है, जबकि 10 लाख नमूनों की प्रतिदिन जांच करने की रणनीति से संचयी पॉजिटिविटी दर कम होकर 6.25 फीसदी हो गई है।