झारखंड में कोरोना संक्रमितों के मिलने का सिलसिला हुआ धीमा, राज्य में कोरोना संक्रमण के कुल 106 मामले आए समाने
By एस पी सिन्हा | Published: April 29, 2020 09:09 PM2020-04-29T21:09:59+5:302020-04-29T21:09:59+5:30
झारखंड की राजधानी रांची में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए तबलीगी जमात के लोगों को जिम्मेदार ठहराने के साथ ही राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार को केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से भी सवाल किया.
रांची: झारखंड में कोरोना का कहर या तो थमा है अथवा धीमी गति के जांच का परिणाम कि पिछले दो दिनों से कोरोना सक्रमित मरीजों के मिलने का सिलसिला कुछ कम हुआ है. आज सूबे के जामताड़ा में एक कोराना संक्रमित मरीज की पहचान की गई है. जामताड़ा में यह दूसरा मरीज है, जिसमें कोरोना का संक्रमण मिला है. इसके साथ ही अबतक झारखंड में कुल कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 106 पर पहुंच गया है. इसबीच रांची स्थित रिम्स के निदेशक को आज आचानक हटा दिया गया है और पहली बार किसी आईएएस अधिकारी को इसकी जिम्मेवारी सौंपी गई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार आईएएस अधिकारी छवि रंजन को रिम्स का नया निदेशक नियुक्त किया गया है. उनकी नियुक्ति डॉ दिनेश कुमार सिंह के स्थान पर की गई है. इस बीच जामताड़ा में दूसरे कोरोना संक्रमित मरीज मिलने की पुष्टि पीएमसीएच धनबाद ने की है. कोरोना पॉजिटिव को आइसोलेशन सेंटर में भर्ती कराया गया है. वहीं, कोराना हॉस्टपॉट हिंदपीढ़ी के बाद रांची के अलग-अलग हिस्सों में फैल रहे संक्रमण को रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन ने संक्रमितों के मिलने वाले मोहल्लों को कंटेनमेंट जोन बना रही है. संबंधित मोहल्लों में पुलिस की सख्ती बढ़ाते हुए बैरिकेडिंग कर दिया गया है. बैरिकेडिंग कर संबंधित मोहल्लों में अनावश्यक आवाजाही करने वालों पर कड़ा पहरा लगा दिया गया है. बिना सत्यापन किए जाने नहीं दिया जा रहा है.
इधर, पंडरा के बाजारा में मिले एक कोरोना संक्रमित के मोहल्ले को पुलिस-प्रशासन ने सील कर दिया है. इससे पहले कांटाटोली नेताजी नगर के बंगाली मोहल्ला को भी सील किया गया था. वहीं, नेताजी नगर कॉलोनी, पिस्का मोड, चुटिया सहित अलग-अलग जगहों पर मिले संक्रमितों के घरों और मोहल्लों को पुलिस-प्रशासन की ओर से सैनिटाइज भी कराया गया. जबकि कोरोना संदिग्धों को पिस्कामोड स्थित काजू बगान में शिफ्ट किया गया है. जहां पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. पंडरा और सुखदेवनगर थाने की पुलिस इन दोनों जगहों पर लगातर गश्त करते हुए नजर बनाए रखा है. अबतक कई कोरोना संदिग्धों को पुलिस-प्रशासन ने शिफ्ट कराया है. यहां वैसे संदिग्धों को रखा गया है कि जो कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए हों, लेकिन कोरोना निगेटिव है.
इसबीच रांची उपायुक्त राय महिमापत रे ने कहा है कि झारखंड में कोरोना पॉजिटिव के अधिकतर मामले हिंदपीढ़ी से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि लोगों के मन में यह भ्रम की स्थिति है कि राजधानी के कई इलाकों से कोरोना पॉजिटिव मामले मिल रहे हैं तो कई इलाके कोरोनावायरस के कलस्टर बन गये हैं. डीसी ने स्पष्ट किया की ऐसी कोई बात नहीं है. राजधानी में कोई और कलस्टर नहीं बना है. अधिकतर मामले हिंदपीढ़ी से किसी ना किसी रूप में जुड़े हैं. उपायुक्त ने कहा है कि अभी जितने भी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, वो 5 तरह हैं. पहला जो हिंदपीढ़ी से सीधे लिंक हैं, चाहे एएसआई का मामला हो या एंबुलेंस ड्राइवर का, वह हिंदपीढ़ी की वजह से ही संक्रमित हुए हैं. इस बारे में ऐसा सोचना कि यह अलग क्लस्टर बन गया है, सही नहीं होगा. दूसरा बेडो में जमात से जुड़ा मामला है, जहां लोगों को क्वारेंटाइन किया गया था. केवल 3 ऐसे मामले हैं ,जो अलग तरीके से बनते हैं. इसमें बुंडू और एक लैब टेक्नीशियन का मामला है जो अपने पिताजी का अंतिम कार्य कर वापस लौटा था. एक मामला रिम्स के मानसिक रूप से असंतुलित व्यक्ति से जुड़ा हुआ है.