बैंक से धन निकालने के लिए उच्चतम न्यायालय के वकील होने का बहाना बनाने वाले व्यक्ति को अदालत का जमानत देने से इंकार
By भाषा | Updated: August 9, 2021 19:14 IST2021-08-09T19:14:17+5:302021-08-09T19:14:17+5:30

बैंक से धन निकालने के लिए उच्चतम न्यायालय के वकील होने का बहाना बनाने वाले व्यक्ति को अदालत का जमानत देने से इंकार
नयी दिल्ली, नौ अगस्त दिल्ली की एक अदालत ने उस व्यक्ति को जमानत देने से इंकार कर दिया है जिसने कथित तौर पर उच्चतम न्यायालय के वकील का रूप धारण किया ताकि बैंक खाते से बड़ी मात्रा में नकद धन निकाल सके।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जितेंद्र प्रताप सिंह ने आरोपी सुनील कुमार राठी को राहत देने से इंकार करते हुए कहा कि वकील का छद्म रूप धारण कर जिस तरीके से वह चोरी करने गया उससे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि एक बड़ा नेटवर्क है जिसके पास प्रौद्योगिकी दक्षता है।
पुलिस के मुताबिक, आधार कार्ड के ब्यौरे का इस्तेमाल कर वकील यशराज सिंह देवरा के सिम कार्ड की नकल निकाली गई। इसके बाद उनके चेक एवं हस्ताक्षर के साथ धोखाधड़ी हुई और धन हासिल करने के लिए इसे बैंक में दिया गया।
बैंक में 96.5 लाख और 14.5 लाख रुपये के दो चेक कथित तौर पर दिए गए। शिकायत पर बैंक अधिकारियों ने चेक से भुगतान रोक दिया और धन को वापस वकील के बैंक खाते में भेज दिया गया।
अदालत ने कहा कि एक जाली चेक आरोपी से मिला जिसके लिए आरोपी के पास कोई बहाना नहीं था।
अदालत ने कहा कि नकली सिम जारी करने में दूरसंचार सेवा कंपनी के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करने की जरूरत है।
अदालत ने सात अगस्त को दिए गए फैसले में कहा, ‘‘पूरे षड्यंत्र का अभी पर्दाफाश किया जाना है। अगर आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह अपराध में शामिल अन्य लोगों को बचा सकता है और साक्ष्य नष्ट कर सकता है।’’
सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक ने इस आधार पर राठी की जमानत याचिका का विरोध किया कि मामला सुनियोजित एवं गहरे षड्यंत्र की ओर इशारा करता है जिसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं।
बहरहाल, राठी की तरफ से पेश हुए वकील ने अदालत से कहा कि उनसे चेक कभी बरामद नहीं हुआ और मामले में उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है।
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