न्यायालय ने आईएसआईएस से जुड़े आरोपी को जमानत के खिलाफ एनआईए की याचिका पर विचार करने से इनकार किया
By भाषा | Updated: August 27, 2021 21:39 IST2021-08-27T21:39:10+5:302021-08-27T21:39:10+5:30

न्यायालय ने आईएसआईएस से जुड़े आरोपी को जमानत के खिलाफ एनआईए की याचिका पर विचार करने से इनकार किया
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की उस अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उसने आईएसआईएस से संबंध रखने के आरोपी अरीब मजीद (27) को महाराष्ट्र की एक स्थानीय अदालत द्वारा जमानत दिए जाने को चुनौती दी थी। बंबई उच्च न्यायालय ने मजीद को जमानत देने के आदेश को इस साल 23 फरवरी को बरकरार रखा था। न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने निचली अदालतों के आदेशों में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि आरेापी पर कड़ी शर्तें लगायी गयी हैं और उसे थाने में रिपोर्ट करते रहना होगा।एनआईए की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने दलील दी कि आरोपी आतंकी आरोपों का सामना कर रहा है और पुलिस मुख्यालय पर हमला करने के लिए सीरिया से भारत लौटा था। उच्च न्यायालय ने मजीद को एक लाख रुपये की जमानत देने का निर्देश दिया था और उसे पड़ोसी ठाणे जिले में कल्याण से बाहर नहीं जाने को कहा था, जहां वह रहता है। एनआईए का आरोप है कि मजीद आतंकवादी समूह आईएसआईएस में शामिल होने के लिए सीरिया गया था और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत लौटा था। मजीद को नवंबर 2014 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और अन्य आरोपों को लेकर गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल मार्च में विशेष एनआईए अदालत ने मजीद को जमानत दी थी। एनआईए ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय ने तब दी गई जमानत के कार्यान्वयन पर एनआईए की अपील की सुनवाई लंबित रहने तक अंतरिम रोक लगा दी थी।
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