अदालत ने अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र को जवाब देने का वक्त दिया

By भाषा | Published: September 8, 2021 03:13 PM2021-09-08T15:13:32+5:302021-09-08T15:13:32+5:30

Court gives time to Center to respond to plea challenging Asthana's appointment | अदालत ने अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र को जवाब देने का वक्त दिया

अदालत ने अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र को जवाब देने का वक्त दिया

नयी दिल्ली, आठ सितंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुजरात काडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र को जवाब देने के लिए बुधवार को वक्त दे दिया।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को जवाब देने के लिए और समय दे दिया तथा मामले पर अगली सुनवाई के लिए 16 सितंबर को सूचीबद्ध कर दिया।

उच्च न्यायालय ने एक सितंबर को याचिका पर केंद्र और अस्थाना को नोटिस जारी किए थे। अदालत ने आईपीएस अधिकारी को नया नोटिस जारी किया क्योंकि याचिकाकर्ता द्वारा प्रक्रिया शुल्क का भुगतान नही होने के कारण नोटिस उन्हें भेजा नहीं जा सका था।

पीठ अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ सदरे आलम नाम के व्यक्ति की जनहित याचिका और एक गैर सरकारी संगठन की अर्जी सुनवाई कर रही थी। इस संगठन ने अस्थाना की नियुक्ति को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।

आलम की ओर से पेश वकील बी एस बग्गा ने देरी के लिए माफी मांगी और अदालत को आश्वस्त किया कि प्रक्रिया शुल्क का भुगतान आज ही कर दिया जाएगा।

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान एनजीओ ‘सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन’ (सीपीआईएल) की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने दोहराया कि आलम की याचिका दुर्भावनापूर्ण और उच्चतम न्यायालय में लंबित याचिका की ‘‘पूरी तरह नकल’’ है।

उन्होंने कहा कि अदालत को देखना चाहिए कि क्या इस तरह की दुर्भावनापूर्ण याचिका पर सुनवाई की जानी चाहिए।

मेहता ने कहा कि वह भूषण से सहमत हैं और ‘कॉपी-पेस्ट’ के चलन पर रोक लगनी चाहिए। हालांकि उन्होंने टिप्पणी की कि अगर भूषण याचिका दायर करने से पहले उसे सार्वजनिक करते हैं तो किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराना जाना चाहिए।

इस पर भूषण ने जवाब दिया कि ज्यादातर जानकारी सार्वजनिक है।

उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में आलम ने अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्त करने के गृह मंत्रालय के 27 जुलाई के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने अंतर काडर नियुक्ति और उनके सेवा विस्तार की अनुमति देने वाले आदेश को भी रद्द करने का अनुरोध किया।

इससे पहले केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि ‘‘बिचौलियों’’ को अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने की अनुमति नहीं दी जा सकती। मेहता ने कहा था, ‘‘यह जंतर मंतर या रामलीला मैदान नहीं है।’’

उच्चतम न्यायालय में दायर ऐसी ही एक याचिका में सीपीआईएल ने केंद्र सरकार को 27 जुलाई का आदेश दिखाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है जिसमें गुजरात काडर से अस्थाना की एजीएमयूटी कैडर में नियुक्ति को मंजूरी दी गयी है।

याचिका में न्यायालय से अस्थाना की सेवा अवधि के विस्तार का केंद्र का आदेश भी रद्द करने का अनुरोध किया गया है।

उच्चतम न्यायालय ने 25 अगस्त को उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि इस वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्त करने के खिलाफ लंबित याचिका पर दो सप्ताह के भीतर फैसला करे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Court gives time to Center to respond to plea challenging Asthana's appointment

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे