अदालत ने गुजरात में ब्लैक फंगस पर चिंता जताई, सरकार से कार्रवाई योजना मांगी
By भाषा | Updated: May 17, 2021 19:11 IST2021-05-17T19:11:45+5:302021-05-17T19:11:45+5:30

अदालत ने गुजरात में ब्लैक फंगस पर चिंता जताई, सरकार से कार्रवाई योजना मांगी
अहमदाबाद, 17 मई गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य में म्यूकरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार से नई चुनौती के लिए तैयार रहने को कहा।
अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि वह फंगल संक्रमण के मामलों की संख्या में बढ़ोतरी होने पर कैसे निपटेगी और इस पर एक रोड-मैप रिकॉर्ड पर लाने का निर्देश दिया।
ब्लैक फंगस दुर्लभ लेकिन गंभीर संक्रमण है और गुजरात तथा अन्य राज्यों में कोविड-19 के कई मरीजों में इसके मामले पाए गए हैं।
न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी तथा न्यायमूर्ति भार्गव डी कारिया की खंड पीठ ने महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी से कहा कि वह निर्देश लें कि अगर निजी अस्पताल इस संक्रमण का उपचार करने के लिए जरूरी इंजेक्शन की मांग करते हैं तो गुजरात सरकार की इंजेक्शन की आपूर्ति करने की क्या योजना है।
अदालत को कमल त्रिवेदी ने सूचित किया था कि सरकार ने इस फंगल संक्रमण के उपचार के लिए जरूरी तीन इंजेक्शनों की 1,14,430 शीशियों का ऑर्डर सीधे निर्माताओं को दिया है, जिसके बाद पीठ ने उक्त सवाल पूछा था।
अदालत ने कोविड-19 महामारी से जुड़े मुद्दों पर स्वत: संज्ञान लिया है और इसी पर वह सुनवाई कर रही थी।
कमल त्रिवेदी ने अदालत को बताया कि ब्लैग फंगस के इलाज के लिए इंजेक्शन आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन सरकार सरकारी अस्पतालों की मांगों को पूरा करने के लिए कुछ निर्माताओं से निजी तौर पर उन्हें खरीदने की कोशिश कर रही है। सरकारी अस्पतालों में संक्रमण के इलाज के लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं।
महाधिवक्ता ने अपने अभिवेदन में कहा, “आज हम तैयार हैं, लेकिन एक बार फिर, यह इस विशेष बीमारी की गतिशीलता पर निर्भर करता है।”
अदालत ने कहा, “यह एक नई चुनौती है जो मुख्य चुनौती से जुड़ी हुई है।”
कांग्रेस विधायक ग्यासउद्दीन शेख की ओर से स्वत: संज्ञान की कार्यवाही के हिस्से के तौर पर ब्लैक फंगस से संबंधित दीवानी आवेदन दायर करने वाले वकील आनंद याज्ञनिक ने कहा कि ऐसे रोगियों का इलाज करने वाले निजी अस्पतालों को इंजेक्शन का एक निश्चित कोटा आवंटित करने के लिए एक तंत्र की आवश्यकता है।
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