न्यायालय ने कानून के छात्र की याचिका खारिज की, कहा- यह ‘मूट कोर्ट’ प्रतियोगिता नहीं है

By भाषा | Updated: December 3, 2021 18:25 IST2021-12-03T18:25:46+5:302021-12-03T18:25:46+5:30

Court dismisses the petition of a law student, says it is not a 'moot court' competition | न्यायालय ने कानून के छात्र की याचिका खारिज की, कहा- यह ‘मूट कोर्ट’ प्रतियोगिता नहीं है

न्यायालय ने कानून के छात्र की याचिका खारिज की, कहा- यह ‘मूट कोर्ट’ प्रतियोगिता नहीं है

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर उच्चतम न्याायालय ने शुक्रवार को कानून के एक छात्र द्वारा नागरिकों के मतदान के अधिकार से संबंधित मुद्दों को उठाने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा ‘‘आपको याद रखना चाहिए यह ‘मूट कोर्ट’ प्रतियोगिता नहीं है।’’

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया गया है जिसके खिलाफ उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ऋषि सहगल ने जवाब दिया कि याचिका मतदाताओं के आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित है।

पीठ ने कहा, ‘‘आपको याद रखना चाहिए, यह कोई ‘मूट कोर्ट’ प्रतियोगिता नहीं है। आपने उच्चतम न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है। आप एक छात्र हैं, अन्यथा हम इस तरह की रिट याचिका दायर करने के लिए बड़ा जुर्माना लगाते। कृपया अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें। कानून की डिग्री पास करें और फिर एक अच्छा वकील बनें।’’

पीठ ने कहा, ‘‘आप सिर्फ एक रिट याचिका दायर करना चाहते हैं क्योंकि आपका नाम अखबारों में आएगा? ऐसा मत करो। याचिका खारिज की जाती है।

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Web Title: Court dismisses the petition of a law student, says it is not a 'moot court' competition

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