मुंबई, सात जनवरी बंबई उच्च न्यायालय ने शिवसेना एमएलसी डॉक्टर नीलम गोरे के महाराष्ट्र विधान परिषद के उपसभापति के रूप में निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति एम. एन. जाधव की पीठ ने भाजपा एमएलसी गोपीचंद कुंडालिक पडल्कर द्वारा दायर यचिका खारिज कर दी।
गोरे पिछले साल आठ सितंबर को निर्विरोध राज्य विधान परिषद की उपसभापति चुनी गई थीं। विपक्षी दल भाजपा ने पद के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था।
लेकिन, चुनाव के बाद पडल्कर अदालत पहुंचे और दावा किया कि पद पर गोरे का निर्वाचन गैरकानूनी है और उसे रद्द किया जाना चाहिए।
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