दिल्ली चुनाव: मतदान से पहले केजरीवाल सरकार को झटका, ऑटो किरायों में बढ़ोतरी के फैसले पर कोर्ट ने लगाई रोक

By भाषा | Updated: February 7, 2020 17:36 IST2020-02-07T16:54:02+5:302020-02-07T17:36:57+5:30

पिछले साल आठ जुलाई को उच्च न्यायालय ने ऑटो किराया बढ़ाने के आप सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

Court bans AAP government's decision to hike auto fares, next hearing to be held on May 21 | दिल्ली चुनाव: मतदान से पहले केजरीवाल सरकार को झटका, ऑटो किरायों में बढ़ोतरी के फैसले पर कोर्ट ने लगाई रोक

दिल्ली चुनाव: मतदान से पहले केजरीवाल सरकार को झटका, ऑटो किरायों में बढ़ोतरी के फैसले पर कोर्ट ने लगाई रोक

Highlightsयाचिका को केंद्र सरकार के स्थायी वकील जसमीत सिंह ने समर्थन दिया और कहा कि अधिसूचना को निरस्त किया जाना चाहिए।कोर्ट ने जनहित याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार, उसके परिवहन विभाग और किराया समीक्षा आयोग को नोटिस जारी किया था।

दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में ऑटो रिक्शा किराए को बढ़ाने के आप सरकार के फैसले पर शुक्रवार को रोक लगा दी। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा, “हम अगली सुनवाई तक दिल्ली सरकार की 12 जून की अधिसूचना के अमल पर रोक लगाते हैं।” उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 21 मई को तय की है।

अदालत, एनजीओ ‘एडिंग हैंड्स फाउंडेशन’ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ऑटो किराए में सुधार संबंधी दिल्ली सरकार की अधिसूचना को निरस्त करने का अनुरोध किया गया था। याचिका में कहा गया कि अधिसूचना सक्षम प्राधिकरण की अनुमति के बिना जारी की गई और यह लोगों को बुरी तरह प्रभावित करेगी।

पिछले साल आठ जुलाई को उच्च न्यायालय ने ऑटो किराया बढ़ाने के आप सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, अदालत ने जनहित याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार, उसके परिवहन विभाग और किराया समीक्षा आयोग को नोटिस जारी किया था। याचिका में अधिसूचना को यह कहते हुए चुनौती दी गई था कि अधिकारियों ने दिल्ली में मनमाने तरीके से ऑटो किराये में बढ़ोतरी की, जिससे निवासियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, जो पहले ही ऑटो चालकों के बुरे व्यवहार और बहुत ज्यादा किराया वसूलने से परेशान हैं।

एनजीओ का पक्ष रख रहे वकील डी पी सिंह ने अदालत को बताया कि यह अधिसूचना उपराज्यपाल की अनुमति के बिना जारी की गई और कानूनी रूप से गलत होने के कारण इसे निरस्त किया जाना चाहिए। आप सरकार के स्थायी वकील रमेश सिंह ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया कि इस मामले में फैसला लेने की शक्ति दिल्ली सरकार के पास है न कि उपराज्यपाल के पास। हालांकि, याचिका को केंद्र सरकार के स्थायी वकील जसमीत सिंह ने समर्थन दिया और कहा कि अधिसूचना को निरस्त किया जाना चाहिए।

अधिवक्ता अनुराग टंडन और अश्विन मनोहरन के माध्यम से दायर याचिका में दावा किया गया कि अधिसूचना कानूनी अधिकरण की अनुमति के बिना जारी की गई और यह संवैधानिक प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। इसमें कहा गया कि ऑटो चालक मीटर से चलने के लिए मुश्किल से राजी होते हैं और बहुत अधिक कीमत वसूलते हैं और किराये में बढ़ोतरी उन्हें सामान्य से ज्यादा कीमत वसूलने का अधिकार देगी। 

Web Title: Court bans AAP government's decision to hike auto fares, next hearing to be held on May 21

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