अदालत ने एनजीओ को सरकार के जब्त कोष का उपयोग वेतन देने के लिए करने की अनुमति दी
By भाषा | Published: July 29, 2021 07:04 PM2021-07-29T19:04:14+5:302021-07-29T19:04:14+5:30
नयी दिल्ली, 29 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) को केंद्र सरकार के पास जब्त उसके कोष का एक भाग अपने कर्मचारियों और उसकी जारी परियोजनाओं से जुड़े कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए उपयोग करने की अनुमति प्रदान की। इस एनजीओ का पंजीकरण विदेशी योगदान कानून के कथित उल्लंघन के कारण अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि एनजीओ 'कॉमनवेल्थ ह्यूमेन राइट्स इनिशिएटिव' (सीएचआरआई) ने प्रथम दृष्टया जब्त कोष का उपयोग वेतन भुगतान संबंधी खर्च करने के लिए मामला बनाया है।
उन्होंने कहा, '' मेरा विचार है कि याचिकाकर्ता ने पृथम दृष्टया कर्मचारियों और निलंबन का आदेश पारित होने से पूर्व वाली परियोजनाओं से जुड़े कर्मियों के वेतन भुगतान संबंधी खर्च के लिए जब्त कोष के 25 फीसदी तक की राशि के उपयोग का मामला बनाया है।''
इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय ने सीएचआई के उस अनुरोध पर केंद्र सरकार को विचार करने का समय प्रदान किया था, जिसमें एनजीओ ने विदेशी दान के तौर पर प्राप्त राशि का 25 फीसदी का उपयोग करने की अनुमति मांगी थी।
केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील अनिल सोनी ने सीएचआरआई के अनुरोध पर विचार के लिए अदालत से और समय की गुजारिश की क्योंकि उन्हें बताया गया कि संबंधित प्राधिकारी फील्ड एजेंसी की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे थे।
हालांकि, न्यायाधीश ने सोनी का अनुरोध स्वीकार करने से इंकार कर दिया और कहा कि ''इन लोगों का भुगतान कैसे होगा? मैं आपको और समय नहीं देना चाहती।''
अदालत ने कहा कि फील्ड एजेंसी की रिपोर्ट का बेहतर उपयोग सीएचआरआई के खिलाफ आगे की कार्रवाई के उद्देश्य के लिए किया जा सकता है और ना कि वेतन भुगतान के मुद्दे को लेकर।
सीएचआरआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दतार ने कोष का उपयोग वेतन भुगतान के लिए करने के बाबत निर्देश देने का अनुरोध किया और कहा कि अभी जुलाई माह के वेतन का भुगतान किया जाना है।
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