न्यायालय ने कृष्णा जल बंटवारे का मुद्दा हल करने के लिए आंध्र प्रदेश व तेलंगाना को मध्यस्थता की सलाह दी

By भाषा | Published: August 2, 2021 02:56 PM2021-08-02T14:56:11+5:302021-08-02T14:56:11+5:30

Court advises Andhra Pradesh and Telangana to mediate to resolve Krishna water sharing issue | न्यायालय ने कृष्णा जल बंटवारे का मुद्दा हल करने के लिए आंध्र प्रदेश व तेलंगाना को मध्यस्थता की सलाह दी

न्यायालय ने कृष्णा जल बंटवारे का मुद्दा हल करने के लिए आंध्र प्रदेश व तेलंगाना को मध्यस्थता की सलाह दी

नयी दिल्ली, दो अगस्त उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सुझाव दिया कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना कृष्णा नदी के जल बंटवारे को लेकर विवाद को सुलाझाने के लिए ‘मध्यस्थता’ करें और वह ‘गैर जरूरी तौर पर’ दखल नहीं देना चाहता है।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ आंध्र प्रदेश की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया है कि तेलंगाना ने उसे पीने और सिंचाई के उसके पानी के वैध हिस्से से वंचित कर दिया है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “मैं इस मामले को कानूनी रूप से नहीं सुनना चाहता हूं। मैं दोनों राज्यों से ताल्लुक रखता हूं। अगर मध्यस्थता से मामला सुलझाया जा सकता है, तो कृपया ऐसा करें। हम उसमें सहायता कर सकते हैं। नहीं तो मैं इसे दूसरी पीठ को स्थानांतरित कर दूंगा।” प्रधान न्यायाधीश का ताल्लुक आंध्र प्रदेश से है।

उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि आप दोनों (दोनों राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील) अपनी सरकारों को समझाएं और मामले को सुलझाएं। हम अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं।”

आंध्र प्रदेश की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और महफूज़ अहसन नजकी ने निर्देश लेने के लिए वक्त मांगा। इसके बाद पीठ ने मामले को बुधवार को आगे विचार के लिए सूचीबद्ध कर दिया। तेलंगाना की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन भी इसपर सहमत हो गए।

आंध्र प्रदेश सरकार ने जुलाई में यह दावा करते हुए शीर्ष अदालत में मामला दायर किया था कि तेलंगाना सरकार ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत गठित सर्वोच्च परिषद द्वारा लिए गए निर्णयों और इस अधिनियम और केंद्र के निर्देशों के तहत गठित कृष्ण नदी प्रबंधन बोर्ड (केआरएमबी) के निर्देशों का पालन करने से इनकार कर दिया है।

याचिका में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश में रहने वाले लोगों के जीवन के अधिकार सहित मौलिक अधिकारों का "गंभीर रूप से उल्लंघन" किया गया है क्योंकि तेलंगाना सरकार और उसके अधिकारियों द्वारा "असंवैधानिक, अवैध और अन्यायपूर्ण" ढंग से उनके "पानी के वैध हिस्से" से वंचित किया जा रहा है।

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Web Title: Court advises Andhra Pradesh and Telangana to mediate to resolve Krishna water sharing issue

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