बड़ी खुशखबरी! सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक के टीके को मिली मंजूरी, 110% सुरक्षित है वैक्सीन,  WHO ने किया स्वागत

By धीरज पाल | Updated: January 3, 2021 19:07 IST2021-01-03T12:18:34+5:302021-01-03T19:07:44+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को DCGI से अनुमति मिलने के लिए देशवासियों और वैज्ञानिकों को बधाई दी।

Coronavirus Vaccine Update Vaccines of Serum Institue of India and Bharat Biotech are granted permission for restricted use in emergency situation: DCGI  | बड़ी खुशखबरी! सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक के टीके को मिली मंजूरी, 110% सुरक्षित है वैक्सीन,  WHO ने किया स्वागत

कोविशील्ड और कोवैक्सीन को DCGI ने दी मंजूरी

HighlightsDCGI निदेशक ने कहा कि किसी भी वैक्सीन के थोड़े साइड इफेक्ट होते हैं जैसे दर्द, बुखार, एलर्जी होना। वैक्सीन सुरक्षित है और वैक्सीन लगाने वाले को जबर्दस्त सुरक्षा प्रदान करता है।

भारत में कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी खुशखबरी सामने आई है। आखिरकार वैक्सीन का इंतजार अब खत्म हो गया है। दरअसल, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया(DCGI)सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन स्थिति में रिस्ट्रिक्टेड यूज की अनुमति दी जाती है। इससे पहले SEC ने 1 जनवरी को कोविशील्ड और 2 जनवरी कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति देने की सिफारिश DCGI से की थी।  DCGI ने इस पर आज मुहर लगा दी है।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया  के निदेशक वीजी सोमानी ने बताया कि मैसर्स केडिला हेल्थकेयर को भारत में तीसरे चरण के ​क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति दी जाती है। अब सवाल उठता है कि आखिर कितना सुरक्षित है ये वैक्सीन। तो इसे लेकर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के निदेश सोमानी ने कहा कि कि वैक्सीन 110 प्रतिशत सु​रक्षित हैं। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी वैक्सीन के थोड़े साइड इफेक्ट होते हैं जैसे दर्द, बुखार, एलर्जी होना। 

आपको बता दें कि इससे आने वाले दिनों में भारत में कम से कम दो टीकों के जारी होने का रास्ता साफ हो गया है। दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने ‘कोविशील्ड’ के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है। भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर ‘कोवैक्सीन’ का विकास किया है।

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ आदर पूनावाला ने ट्वीट किया, ‘‘सभी को नववर्ष की मुबारकबाद। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने टीके का भंडार जमा करके जो जोखिम लिया, उसका अंतत: फल मिल गया है। भारत का पहला कोविड-19 टीका ‘कोविशील्ड’ स्वीकृत, सुरक्षित, प्रभावी और आने वाले सप्ताहों में टीकाकरण के लिहाज से तैयार है।’’

'नपुंसक नहीं बनाएगी कोरोना की वैक्सीन'

सोमानी ने कहा कि कैडिला हेल्थकेयर को भी उसके संभावित टीके के तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण के लिए अनुमति प्रदान की गई है। इसके अलावा DCGI के निदेशक से जब लोगों ने पूछा कि ऐसी अफवाह चल रही है कि इस वैक्सीन को लगाने से लोग नपुंसक हो जाएंगे। इसके जवाब में निदेशक वीजी सोमानी ने कहा कि ये पूरी तरह से बकवास बात है और इस पर जरा सा भी ध्यान देने की जरूरत नहीं है।  

पीएम मोदी ने दी वैज्ञानिकों को बधाई

वहीं, भारत के इस कदम को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वागत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को DCGI से अनुमति मिलने के लिए देशवासियों और वैज्ञानिकों को बधाई दी।

Web Title: Coronavirus Vaccine Update Vaccines of Serum Institue of India and Bharat Biotech are granted permission for restricted use in emergency situation: DCGI 

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