Coronavirus: राजस्थान में सार्वजनिक स्थल 31 मार्च तक बंद, 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी

By धीरेंद्र जैन | Updated: March 18, 2020 07:37 IST2020-03-18T07:37:27+5:302020-03-18T07:37:27+5:30

मुख्यमंत्री ने संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि संक्रमण का रोकथाम ही इस बीमारी से सर्वोत्तम बचाव है। उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बड़े रूप में जन-जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया।

Coronavirus: Public places in Rajasthan closed till 31 March, ban on gathering of more than 50 people | Coronavirus: राजस्थान में सार्वजनिक स्थल 31 मार्च तक बंद, 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsराजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए भारत सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी और दिशा-निर्देशों के क्रम में प्रदेश में सभी सार्वजनिक स्थलों पर 50 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं।यह प्रतिबंध फिलहाल 31 मार्च तक लागू रहेगा और उसके बाद स्थिति की समीक्षा कर समुचित निर्णय लिया जाएगा।

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए भारत सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी और दिशा-निर्देशों के क्रम में प्रदेश में सभी सार्वजनिक स्थलों पर 50 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। यह प्रतिबंध फिलहाल 31 मार्च तक लागू रहेगा और उसके बाद स्थिति की समीक्षा कर समुचित निर्णय लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के लिए आयोजित उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि संक्रमण का रोकथाम ही इस बीमारी से सर्वोत्तम बचाव है। उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बड़े रूप में जन-जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि चीन, इटली, ईरान और अमेरिका में इस बीमारी के अनुभव से यह पता चला है कि शुरुआती दौर में कोरोना वायरस का संक्रमण धीरे-धीरे फैलता रहता है और फिर अचानक संक्रमित लोगों की संख्या और इससे होने वाली मौतों की संख्या एकदम बढ़ जाती है। ऐसे में, कोरोना के संक्रमण को अनियंत्रित होने से रोकना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस विषय पर लगातार संवेदनशील है और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सभी एतिहाती कदम उठा रही है।

उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र सहित विभिन्न देशों में इस बीमारी से लड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों से सबक लेते हुए यह आवश्यक है कि लोग भीड़-भाड़ से बचें तथा बहुत अधिक आवश्यक होने पर सार्वजनिक स्थलों पर जाएं। उन्होंने कहा कि इस क्रम में राज्य सरकार ने प्रदेश में सभी पर्यटन स्थलों, संग्रहालयों, ऐतिहासिक इमारतों, किलों, सार्वजनिक मेलों, पशु हटवाड़ों, पार्क, खेल मैदानों आदि में लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री नेे अधिकारियों से कहा कि वे आमजन की जागरूकता और समझाइश के लिए लगातार एडवाइजरी जारी करें तथा लोगों को भयभीत नहीं होने और लगातार सचेत रहने की सलाह दें। अधिकारियों ने श्री गहलोत को अवगत कराया कि फिलहाल राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है और लगातार एतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह एवं एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिन्सिपल डॉ. सुधीर भण्डारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मध्य प्रदेश के संग्रहालय और स्मारक आगामी आदेश तक बंद रहेंगे    

कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के मद्देनजर मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के सभी पुरातत्व संग्रहालयों और राज्य संरक्षित स्मारकों को आगामी आदेश तक बंद रखने का आदेश जारी किया है। पुरातत्व विभाग के आयुक्त पंकज राग ने मंगलवार को बताया कि प्रदेश में संग्रहालयों और स्मारकों में दर्शकों का प्रवेश अगले आदेश तक पूर्णत: बंद रहेगा। उन्होंने इस संबंध में संग्रहालयों और स्मारकों के अधिकारियों-कर्मचारियों को निर्देश दिया है।

हालांकि आदेश में संग्रहालयों और स्मारकों के सभी कर्मचारियों को यथावत उपस्थित रहने को कहा गया है। प्रदेश सरकार पहले ही सभी स्कूलों और सिनेमा घरों को बंद करने के अलावा सभी कार्यालयों में बायोमिट्रिक उपस्थिति प्रणाली के उपयोग को रोकने का आदेश दे चुकी है। कोरोना वायरस के खतरे के चलते प्रदेश की सभी आंगनवाड़ियों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। मध्यप्रदेश में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण का कोई पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है।

कर्नाटक में कोविड-19 के नए मामले की पुष्टि

कर्नाटक में कोरोना वायरस से संक्रमण का आठवां मामला सामने आया है जिसके बाद राज्य में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 11 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि बेंगलुरु की निवासी 67 वर्षीय एक महिला की जांच में कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई है जो पिछले सप्ताह गोवा होते हुए दुबई से वापस आई थी। शहर में वापस आने के बाद से ही महिला घर में पृथक थी और अब उसे अस्पताल के पृथक वार्ड में भर्ती कराया गया है।

स्वास्थ्य विभाग के मीडिया बुलेटिन ने कहा, “बेंगलुरु की निवासी 67 वर्षीय एक महिला गोवा होकर दुबई से नौ मार्च को वापस लौटी थी। वह किडनी की लंबी बीमारी से ग्रसित है। वह बेंगलुरु वापस आने के बाद घर में पृथक रहने की प्रक्रिया का पालन कड़ाई से कर रही थी।” महिला को 16 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुलेटिन के अनुसार महिला के परिजनों समेत संपर्क में आए 21 लोगों की पहचान की गई है और उन्हें घर पर पृथक रखा गया है। अधिकारियों ने कहा अब तक कर्नाटक में कोविड-19 के ग्यारह मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से एक की मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि दस मरीजों को पृथक वार्डों में रखा गया है और उनकी हालत स्थिर है। 

(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)

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