कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच लॉकडाउन को 19 दिनों के लिए और बढ़ाया गया है, जोकि तीन मई तक रहेगा। वहीं, लॉकडाउन बढ़ने के साथ अफवाह उड़ी कि प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए ट्रेनें चलाई जाएंगीं, जिसको लेकर रेलवे ने तस्वीर साफ कर दी है और कहा है कि यह सब बातें निराधार हैं।
रेलवे मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, 'भारतीय रेल द्वारा 3 मई 2020 तक पूरे देश में सभी पैसेंजर ट्रेन सेवाएं पूरी तरह से रद्द कर दी गई हैं एवं यात्रियों की भीड़-भाड़ को कम करने हेतु विशेष ट्रेन चलाने की भी कोई योजना नहीं है। सर्व संबंधित इसका संज्ञान लें एवं किसी भी तरह की गलत भ्रामक खबर को ना फैलने दें।'
दरअसल, भारतीय रेलवे ने मंगलवार को कहा कि तीन मई तक रद्द की गई ट्रेनों की ऑनलाइन टिकट लेने वाले लोगों के पैसे खुद ब खुद वापस आ जाएंगे और काउंटर से टिकट लेने वाले लोग 31 जुलाई तक अपने पैसे वापस ले सकते हैं। रेलवे ने कहा कि जो ट्रेने रद्द नहीं हुई हैं उसकी एडवांस बुकिंग रद्द करने वालों को भी पूरे पैसे वापस किए जाएंगे।
इससे पहले रेलवे ने तीन मई तक यात्री सेवाएं निलंबित करते हुए कहा था, 'कोविड-19 लॉकडाउन के मद्देनजर किए गए उपायों को बरकरार रखते हुए भारतीय रेलवे की प्रीमियम ट्रेनें, मेल/ एक्सप्रेस ट्रेनें, यात्री ट्रेनें, उपनगरीय ट्रेनें, कोलकाता मेट्रो रेल, कोंकण रेलवे सहित सभी यात्री सेवाएं तीन मई रात 12 बजे तक निलंबित रखने का फैसला किया है। भारत में अभी तक कोविड-19 के 10,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और 339 लोगों की इससे जान गई है।