लॉकडाउन पर मंथन जारी: मिल सकती हैं कुछ रियायतें, दिक्कतें कम करने के लिए कुछ सेवाएं शुरू करेगी केंद्र सरकार, पढ़ें क्या है प्लान

By हरीश गुप्ता | Updated: April 10, 2020 07:28 IST2020-04-10T07:28:56+5:302020-04-10T07:28:56+5:30

कोरोना वायरस के मद्देनजर भारत में 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लगा हुआ है. लॉकडाउन को आगे जारी रखना है या नहीं इसपर केंद्र सरकार 11 अप्रैल को सभी राज्यों के सीएम के साथ बैठक के बाद कोई फैसला ले सकती है.

Coronavirus: Lockdown may have to be extended, Need to know about Government plan | लॉकडाउन पर मंथन जारी: मिल सकती हैं कुछ रियायतें, दिक्कतें कम करने के लिए कुछ सेवाएं शुरू करेगी केंद्र सरकार, पढ़ें क्या है प्लान

तस्वीर स्त्रोत- पीएम नरेंद्र मोदी ट्विटर हैंडल

Highlightsभारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या पांच हजार के पार चली गई है. हर दिन 500 से ज्यादा केस सामने आए रहे हैंं. ओडिशा सरकार ने 30 अप्रैल तक राज्य में लॉकडाउन बढ़ाया है। ऐसा करने वाला वह भारत का पहला राज्य है।

नई दिल्ली: दिन ब दिन जांच की संख्या बढ़ने के साथ ही देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इसके बीच ही केंद्र सरकार इस बात को लेकर असमंजस में है कि किस तरह लॉकडाउन को जारी रखते हुए वह क्रमिक रूप से कुछ और क्षेत्रों में गतिविधियां चालू करने के लिए किस तरह अनुमति दे . सरकार अत्यधिक जोखिम वाले इलाकों और हॉटस्पाट बन गए क्षेत्रों को सील करने के साथ ही लॉकडाउन वाले देश के अन्य हिस्सों को 15 अप्रैल के बाद खोलने पर विचार कर रही है.

सरकार के एजेंडा के शीर्ष पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को खोलना है

केन्द्र द्वारा गठित 11 टास्क फोर्स विभिन्न परिदृश्यों पर विचार कर रहे हैं, जिसे राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाले मंत्रियों के समूह के समक्ष रखा गया है. सरकार के एजेंडा के शीर्ष पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को खोलना है क्योंकि नई फसल 14 अप्रैल से कटाई के मौसम के साथ मंडियों में आ जाएगी. सब्जियों और फलों के बाजार खुद अपने सभी उत्पादों की खपत नहीं कर सकते हैं. क्या सरकार, ई-कॉमर्स कंपनियों को अपनी आपूर्ति श्रृंखला खोलने की अनुमति दे सकती है जो 40,000 करोड़ रु पये के आवश्यक वस्तुएं और अन्य सामानों को ट्रकों से सड़कों परऔर फैक्ट्रियों तक पहुंचाने के लिए तैयार है. हालांकि राष्ट्रीय राजमार्गों पर ट्रकचालकों के और सर्विस सेंटर आदि खोले गए हैं, लेकिन सड़कों के किनारे लाखों भोजनालय और अन्य संबंधित गतिविधियां पूरी तरह बंद हैं.

शराब की दुकानों को खोलने को लेकर सरकार असमंजस में

सरकार की राजस्व का एक प्रमुख स्रोत शराब की दुकानें या तो राज्य सरकारों अथवा निजी क्षेत्र के स्वामित्व में हैं.इस पर भी सरकार असमंजस में है कि क्या इन्हे उन्हें कुछ घंटों के लिए खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए. विचारणीय मुद्दों में यह भी एक मसला है हालांकि कई इसके पक्ष में नहीं हैं. यह भी विचार चल रहा है कि कैसे सीमित तरीके से प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन और अन्य रखरखाव संबंधी गतिविधियों की अनुमति दी जाए. सड़कों पर निजी वाहनों के नियंत्रित आवागमन के साथ ही इस पर भी विचार चल रहा है कि क्या एप आधारित टैक्सी सेवाओं को सीमित अवधि तक सेवा संचालन की अनुमति दी जाए.वाहनों की संख्या कम करने के लिए ऑड- ईवन फार्मूला भी अपनाया जा सकता है.

मेट्रो और बस सेवा रह सकता है बंद

मेट्रो एवं बस सेवाओं को शुरू करने के बारे में तो पूरी तरह ना है लेकिन एक यात्री के साथ तिपहिया वाहन वाहन चलाने की अनुमति देने पर विचार हो रहा है. मोबाइल की दुकानों और इसकी कंपनी के आउटलेट को सीमित अवधि के लिए संचालित करने की अनुमति भी दी जा सकती है. श्रमिकों को बाहर निकालना जरूरी खेतिहर श्रमिकों और कारखाने के श्रमिकों को उनके ठिकानों से बाहर निकालना एक अहम जरूरत है लेकिन यह कैसे किया जाना चाहिए इस पर विचार हो रहा है.

रेलवे और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी कुछ आवश्यक उद्योगों को प्रारंभ करवाना चाहते हैं जिसके लिए यह जरूरी है कि इससे जुड़े लोगों को आने-जाने की सुविधा मिले और वह बाहर निकलें . किराना-सब्जी उपलब्ध अब तक, केंद्र द्वारा दैनिक किराना और दूध और दूध उत्पादों की जरूरत पूरी करने के लिए फल-सब्जियां और कृषि गतिविधियां प्रारंभ करवाई गई है. चिकित्सा आपूर्ति श्रृंखलाओं को भी आपूर्ति लाइन को बनाए रखने के लिए कार्य बल की आवश्यकता होती है जबकि ई-कॉमर्स कंपनियों की गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं. अधिकांश अस्पतालों में अन्य बीमारियों से पीडि़त रोगियों की मृत्यु की सूचनाएं हैं जबकि अस्पताल कोविद -19 रोगियों को प्राथमिकता दे रहे हैं.

Web Title: Coronavirus: Lockdown may have to be extended, Need to know about Government plan

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