देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले लगातार बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। आज सुबह आए आकड़ों के अनुसार, देश में अब कोविड-19 (COVID-19) से संक्रमित मरीजों की संख्या अब 285 तक पहुंच गई है। ऐसे में लोग इस महामारी को लेकर बेहद परेशान नजर आ रहे हैं।
वहीं, केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी इससे निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं, लेकिन इसके बावजूद कोरोना वायरस भारत में तेजी से फैल रहा है। इस वायरस का असर जनगणना (Census) और एनपीआर (National Population Register) पर भी पड़ता हुआ नजर आ रहा है। यही नहीं, अब तो ये संभावना जताई जा रही है कि सेंसस और एनपीआर में कोरोना की वजह से देरी हो सकती है। दरअसल, 1 अप्रैल से सेंसस और एनपीआर का पहला चरण शुरू होना था जो सितंबर तक चलना था।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार अब कोरोना वायरस की वजह से ऐसा होने में देरी हो सकती है। 1 अप्रैल से राज्यों को सेंसस का काम शुरू करना था। हालांकि, अब देश के हालात जिस तरीके के हैं, उसे देखने के बाद ऐसा संभव होता नजर नहीं आ रहा है। ऐसी स्थिति में सेंसस और एनपीआर के कार्य को 1 अप्रैल से आगे बढ़ाया जा सकता है।
गृह मंत्रालय के अनुसार, 1 अप्रैल की तारीख को कोरोना वायरस के कारण आगे बढ़ाया जा सकता है। मंत्रालय का कहना है कि जनगणना करने वाले अधिकारियों में कमी आ गई है, जिसकी वजह से इस प्रक्रिया की गति धीमी पड़ सकती है। ऐसे में अब सेंसस और एनपीआर को लेकर गृह मंत्रालय अब अन्य रास्ते रास्ते तलाश रहा है, ताकि जनगणना की जा सके।
बता दें कि अगर मंत्रालय कोरोना वायरस की वजह से ख़राब माहौल में जनगणना और एनपीआर के लिए जनगणना करता भी है तो इससे वो सटीक आंकड़े हासिल नहीं कर पाएगा। मगर मंत्रालय ने जनगणना के लिए रास्ते निकाले हैं। लोग जनगणना में खुद से ऐप के जरिए भी अपना डेटा भर सकते हैं। हालांकि, जिस तरह से कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है, उससे यही चीज खुलकर सामने आ रही है कि अभी तो एनपीआ और सेंसस में देरी होना तय है।