Coronavirus Impact: लॉकडाउन से घट रही है आटे की डिमांड, कीमत में आ सकती है 30 प्रतिशत तक की गिरावट!
By आनंद शर्मा | Updated: March 21, 2020 18:01 IST2020-03-21T18:01:41+5:302020-03-21T18:01:41+5:30
Coronavirus Impact: जनवरी-फरवरी में शादी समारोह अधिक होने से आटे के औसतन 1 हजार कट्टे की बिक्री बाजार में हुई। जबकि, मार्च में अब तक 700 कट्टे बिकी हैं। हालांकि, लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।

कोरोना के पैनिक के चलते जहां एक ओर आटे की मांग 15-20 फीसदी बढ़ी है, वहीं लॉक डाउन से होटल, रेस्टॉरेंट्स में होने वाली सेल में 50 फीसदी की गिरावट आ गई है।
नागपुर:कोरोना वायरस के तेजी से फैलते संक्रमण से शहरवासी दहशत में हैं। उन्होंने शहर में ‘लॉकडाउन’ किए जाने से जीवनावश्यक वस्तुओं की खरीदी बढ़ा दी है। इससे रोजमर्रा में उपयोग में आने वाले आटे की मांग जहां एक ओर बढ़ गई है, वहीं, लॉकडाउन के कारण होटल, रेस्टॉरेंट्स से की आटे की मांग नहीं निकल रही है।
इससे कुल मिलाकर आटे के कारोबार में फिलहाल 30 फीसदी की गिरावट आने की बात व्यापारी कह रहे हैं। दि नागपुर इतवारी किराना मर्चेन्ट्स एसोसिएशन के सहसचिव एवं आटा, रवा, मैदा के थोक कारोबारी प्रमोद सेदानी ने बताया कि कोरोना के पैनिक के चलते जहां एक ओर आटे की मांग 15-20 फीसदी बढ़ी है, वहीं लॉक डाउन से होटल, रेस्टॉरेंट्स में होने वाली सेल में 50 फीसदी की गिरावट आ गई है। इस तरह, आटे का कारोबार 30 फीसदी कम हो गया है।
सेदानी के मुताबिक, जनवरी-फरवरी में शादी समारोह अधिक होने से आटे के औसतन 1 हजार कट्टे की बिक्री बाजार में हुई। जबकि, मार्च में अब तक 700 कट्टे बिकी हैं। हालांकि, लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। मध्य प्रदेश में नए गेंहू की आवक शुरू हो रही है। बेमौसमी बारिश और कोरोना के डर के माहौल को देखते हुए मिल मालिक आटे का रेट बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। इस सबके बावजूद फिलहाल आटे के रेट काबू में हैं। उलट, इसके रेट में 25 रुपए प्रति 25 किलो की कमी आई है। प्रति किलो रेट 24 रुपए चल रहे हैं। जबकि, ब्रांडेड आटे का रेट प्रति किलो 26 रुपए या इससे अधिक बताया जा रहा है।
ब्रांडेड आटे की मांग 25 फीसदी बढ़ी
कंजुमर प्रॉडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील भाटिया का कहना है कि बाजार में आशीर्वाद, शक्तिभोग, अन्नपूर्णा, गिन्नी आदि ब्रांड का पैकबंद आटा आता है। आटे के कुल कारोबार में 15-20 फीसदी व्यापार पैकबंद आटे और 80 फीसदी कारोबार खुले आटे का होता है। पैकबंद आटे की मांग कोरोना के चलते 25 फीसदी बढ़ी है। हालांकि, आटा जल्दी खराब हो जाने से लोग इसका अधिक स्टॉक करके नहीं रखते हैं। बाजार में पैकबंद आटे का भरपूर स्टॉक है। रेट भी काबू में हैं। ऐसे में लोगों को घबराकर इनकी स्टॉकिंग नहीं करनी चाहिए।
आटा चक्कियों पर भी लोगों की भीड़
कोरोना के डर के चलते जहां एक ओर रेडीमेड आटे की खरीदी पर लोग जोर दे रहे हैं, वहीं महिलाएं भी अपने घर-परिवार के लिए अधिक दिनों के लिए गेंहू का आटा पिसवाने के लिए आटा चक्की पर पहुंच रही हैं। इससे शहर की लगभग सभी आटा चक्कियों पर लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है। राजेश पौनीकर का कहना है कि जो लोग हमेशा पांच-दस किलो गेहूं पिसाते थे, वह अब बोरी भरकर गेंहू चक्की पर पिसवाने के लिए जाते दिख रहे हैं।
खाद्य तेल की मांग में मामूली सुधार
नागपुर ऑयल मर्चेन्ट्स एसोसिएशन के सचिव परमानंद मोतियानी का कहना है कि खाद्य तेल की मांग में कोरोना के चलते मामूली सुधार आया है। सेल में केवल 10-15 फीसदी का इजाफा हुआ है। शहर में रोजाना औसतन 60-70 टन खाद्य तेल की बिक्री होती है। जनवरी, फरवरी की तुलना में मार्च में उतनी अधिक तेजी नहीं दिख रही है। रेट काबू में है।
कारोबार नगण्य, किराना व्यापारी असमंजस में
लॉकडाउन के कारण इतवारी-मस्कासाथ की किराना दुकानों में शुक्रवार को कारोबारी हलचल काफी कम रही। नागपुर इतवारी किराना मर्चेन्ट्स एसोसिएशन के सचिव शिवप्रताप सिंह ने कहा कि आज दुकानें शुरू हैं, लेकिन ग्राहकी काफी कम है। किराना वस्तुएं जीवनावश्यक की श्रेणी में आती जरूर हैं, लेकिन इनकी बिक्री करने को लेकर प्रशासन से आवश्यक अनुमति नहीं मिलने से व्यापारी असमंजस में हैं। लिखित में आदेश मिलने पर दुकानें शुरू रखने के लिए व्यापारी तैयार हैं। लेकिन शुक्रवार को लॉक डाउन के बीच कुछ स्वयंसेवकों और पुलिस ने भी किराना दुकानों को बंद करवाया है। इससे किराना व्यापारी दुकानें शुरू रखने को लेकर संभ्रम में हैं।