Coronavirus impact: अटारी-वाघा सीमा से विदेशी नागरिक बैन, भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं, नेपाल ने एवरेस्ट अभियान बंद किए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 13, 2020 08:46 PM2020-03-13T20:46:31+5:302020-03-13T20:46:31+5:30

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जो भारतीय नागरिक सीमा पार गए हैं उन्हें वीजा की अवधि खत्म होने से पहले लौटने की अनुमति दी जाएगी। बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अटारी-वाघा के जमीनी रास्ते से विदेशी नागरिकों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

Coronavirus Foreign national banned from Attari-Wagah border, entry into India not allowed, Nepal closes Everest operations | Coronavirus impact: अटारी-वाघा सीमा से विदेशी नागरिक बैन, भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं, नेपाल ने एवरेस्ट अभियान बंद किए

अटारी-वाघा के जमीनी रास्ते से विदेशी नागरिकों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

Highlightsअधिकारी ने कहा कि अटारी-वाघा सीमा से होकर अफगानिस्तान से आने वाली वस्तुओं की आपूर्ति के भी प्रभावित होने की संभावना है।नेपाल ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर शुक्रवार को एवरेस्ट पर पर्वतारोहण अभियान रोकने के साथ-साथ आगमन पर पर्यटक वीजा सुविधा भी बंद कर दी।

अमृतसरः कोरोना वायरस के खतरे के चलते शुक्रवार की शाम से किसी भी विदेशी नागरिक को पाकिस्तान की ओर से अटारी-वाघा सीमा से होकर भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जो भारतीय नागरिक सीमा पार गए हैं उन्हें वीजा की अवधि खत्म होने से पहले लौटने की अनुमति दी जाएगी। बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अटारी-वाघा के जमीनी रास्ते से विदेशी नागरिकों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि हालांकि करतारपुर गलियारे से तीर्थयात्रियों का आवागमन जारी रहेगा। अधिकारी ने कहा कि अटारी-वाघा सीमा से होकर अफगानिस्तान से आने वाली वस्तुओं की आपूर्ति के भी प्रभावित होने की संभावना है क्योंकि ट्रक चालकों को भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। 

नेपाल ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर शुक्रवार को एवरेस्ट पर पर्वतारोहण अभियान रोकने के साथ-साथ आगमन पर पर्यटक वीजा सुविधा भी बंद कर दी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कोरोना को महामारी घोषित किए जाने और देशों से इसकी रोकथाम के लिए एहतियात बरतने की अपील के बाद नेपाल ने यह कदम उठाया है। हिमालयी देश हर साल दुनियाभर के पर्वतारोहियों को आकर्षित कर एवरेस्ट परमिट से लाखों डॉलर की कमाई करता है।

नेपाल में अभी तक केवल एक व्यक्ति में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई है, जबकि दर्जनों संदिग्ध रोगियों को जांच के लिए सरकारी अस्पतालों में दाखिल कराया गया है। उप प्रधानमंत्री ईश्वर पोखरेल की अध्यक्षता में गुरुवार रात हुई उच्चस्तरीय समन्यव समिति की बैठक में कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर बसंत के सीजन में एवरेस्ट और अन्य पर्वतों के लिए पर्वतारोहण परमिट जारी करने पर रोक का फैसला किया। बैठक में बसंत सीजन के लिए पूर्व में जारी परमिट भी रद्द करने का फैसला लिया गया।

चीन ने भी गुरुवार को अपनी तरफ से एवरेस्ट पर चढ़ाई को निलंबित कर दिया था। तिब्बत माउंटेनियरिंग एसोसिएशन (टीएमए) ने कहा कि यदि कोई पर्वतारोही माउंट एवरेस्ट पर संक्रमण की चपेट में आ जाए तो वहां मुश्किल हालात में उसे उचित उपचार उपलब्ध करा पाना कठिन होगा। नेपाल सरकार ने त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (टीआईए) के जरिये देश में आने वाले पर्यटकों के लिए भी आगमन पर वीजा को निलंबित करने का निर्णय लिया है।

सरकार के प्रवक्ता और वित्तमंत्री युबराज खातीवाड़ा ने कहा कि पहले सरकार ने पांच बेहद प्रभावित देशों के पर्यटकों के लिए आगमन पर वीजा सुविधा को निलंबित किया था, लेकिन अब कोविड-19 के महामारी घोषित किए जाने के मद्देनजर इसे बढ़ा दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में भी कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर नेपाल की तैयारियों और सुरक्षा को लेकर विचार किया गया। 

मलेशिया से लौटा एक और व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमण के संदेह में इंदौर में एक अस्पताल में भर्ती

मलेशिया से भारत लौटे 43 वर्षीय एक पुरुष को कोरोना वायरस संक्रमण के संदेह में शुक्रवार को यहां एक सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जड़िया ने बताया कि यह व्यक्ति मलेशिया से शुक्रवार को ही स्वदेश लौटा था। उसे सर्दी-जुकाम और खांसी की समस्या है।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध मरीज को शहर के एक सरकारी अस्पताल के पृथक वॉर्ड में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। उसके रक्त और अन्य नमूने इस बीमारी की जांच के लिये भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भेजे गये हैं। जड़िया ने बताया कि इससे पहले भी अन्य मामले में मलेशिया से भारत लौटे 30 वर्षीय एक पुरुष को कोरोना वायरस संक्रमण के संदेह में आठ मार्च को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया था।

हालांकि, 11 मार्च को जब जांच रिपोर्ट आयी तब पता चला कि वह इस बीमारी से संक्रमित नहीं है। उन्होंने बताया कि पिछले 42 दिन में इंदौर से कुल 16 लोगों के नमूने कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिये भेजे गये हैं। इनमें से 14 लोग जांच रिपोर्ट के अनुसार संक्रमित नहीं पाये गये हैं, जबकि मलेशिया से शुक्रवार को लौटे 43 वर्षीय पुरुष समेत दो व्यक्तियों की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

इथियोपिया, केन्या में कोरोना वायरस के पहले मामले की पुष्टि

केन्या और इथियोपिया ने अपने यहां कोरेना वायरस संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि होने की शुक्रवार को घोषणा की। उल्लेखनीय है कि पूर्वी अफ्रीका इस महामारी से अब तक अछूता था। लेकिन इसके प्रसार को रोकने के लिए आपात उपाय किये जा रहे हैं।

केन्या में बृहस्पतिवार को 27 वर्षीय एक महिला के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। वह लंदन के रास्ते अमेरिका से एक हफ्ते पहले लौटी थी। स्वास्थ्य मंत्री मुताही कागवे ने संवादददाताओं से कहा कि उसकी हालत स्थिर है। इस बीच, अफ्रीका की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश इथियोपिया ने कहा है कि चार मार्च को देश में आये 48 वर्षीय एक जापानी व्यक्ति के वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। वह बुर्किना फासो से आया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसकी हालत स्थिर है। इथियोपिया अफ्रीकी महाद्वीप का 15वां देश हो गया है जहां कोरोना वायरस मामले की पुष्टि हुई है। 

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