कोविड-19: सिप्ला, हेटेरो के बाद मायलेन ने भारत में उतारा रेमडेसिविर का जेनेरिक संस्करण, जानिए कीमत और खासियत
By भाषा | Updated: July 20, 2020 18:25 IST2020-07-20T18:25:57+5:302020-07-20T18:25:57+5:30
100 मिलीग्राम की एक शीशी की कीमत 4,800 रुपये है। कंपनी ने बयान में कहा कि इस दवा को कोविड-19 की पुष्टि वाले अस्पताल में भर्ती मरीजों (बच्चे और व्यस्क) पर उपयोग करने की अनुमति है।

देसरेम और हमारी चौबीसों घंटे काम करने वाले हेल्पलाइन नंबर को जारी करने का मकसद इस अहम दवा तक पहुंच उपलब्ध कराना है। (file photo)
नई दिल्लीः औषिधि कंपनी मायलेन ने कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में काम आने वाली दवा रेमडेसिविर का जेनेरिक संस्करण भारतीय बाजार में उतारा है।
कंपनी ने सोमवार को कहा कि इसे ‘देसरेम’ ब्रांड नाम के तहत पेश किया गया है। कंपनी ने पहले ही घोषणा की थी कि रेमडेसिविर जुलाई तक भारत में उपलब्ध हो जाएगी। इसकी 100 मिलीग्राम की एक शीशी की कीमत 4,800 रुपये है। कंपनी ने बयान में कहा कि इस दवा को कोविड-19 की पुष्टि वाले अस्पताल में भर्ती मरीजों (बच्चे और व्यस्क) पर उपयोग करने की अनुमति है।
कंपनी ने कहा कि उसने इस दवा की पहली खेप भेज दी है। और वह इसकी आपूर्ति बढ़ाने की दिशा में काम करेगी। इसकी उपलब्धता की जानकारी देने के लिए कंपनी ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। कंपनी इसका विनिर्माण अपने बेंगलुरु संयंत्र में करेगी। मायलैन के अध्यक्ष (भारत और उभरते बाजार) राकेश बमजई ने कहा कि देसरेम और हमारी चौबीसों घंटे काम करने वाले हेल्पलाइन नंबर को जारी करने का मकसद इस अहम दवा तक पहुंच उपलब्ध कराना है।
हेटेरो हेल्थकेयर ने जेनेरिक रेम्डेसिविर की आपूर्ति शुरू की
हेटेरो हेल्थकेयर लिमिटेड 13 से 20 जुलाई के बीच कोविफोर की 60,000 इंजेक्शन शीशियों की आपूर्ति करेगी। यह कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेम्डेसिविर का जेनेरिक संस्करण है। कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार कोविफोर, रेम्डेसिविर का पहला जेनेरिक ब्रांड है।
इस दवा का उपयोग कोविड-19 से संक्रमित वयस्कों, बच्चों और गंभीर लक्षण वाले अस्पताल में भर्ती मरीजों पर किया जाएगा। कंपनी ने इसे 100 मिलीग्राम की शीशी में बाजार में उतारा है। कंपनी द्वारा भेजे जा रहे 60,000 इंजेक्शन में से महाराष्ट्र को 12,500, दिल्ली को 10,000 और तेलंगाना को 9,000 शीशियां भेजी जाएंगी।
कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक तमिलनाडू में कोविफोर की 7,500, गुजरात में 6,000, आंध्र प्रदेश में 2,000 और कर्नाटक में 3,000 शीशियों की आपूर्ति की जाएगी। बाकी 10,000 इंजेक्शन को देशभर में भेजा जाएगा। कंपनी ने महाराष्ट्र के करीब 166 और दिल्ली के 53 अस्पतालों को इस दवा की आपूर्ति की है। रेम्डेसिविर, इकलौती ऐसी दवा है जिसे अमेरिकी दवा नियामक ने कोविड-19 संक्रमण के संदिग्ध या पुष्टि वाले अस्पताल में भर्ती मरीजों पर इस्तेमाल की अनुमति दी है।
हेटेरो कोविड-19 की जेनेरिक दवा की आपूर्ति को तैयार, दाम 5,400 रुपये प्रति शीशी
हेटेरो हेल्थकेयर कोविड-19 के इलाज के लिए अपनी वायरल रोधी दवा कोविफोर (रेमडेसिवीर) की 20,000 शीशियों की देशभर में आपूर्ति करेगी। इसका अधिकतम खुदरा मूल्य 5,400 रुपये प्रति शीशी होगा। हेटेरो हेल्थकेयर ने बुधवार को बयान में कहा कि कंपनी 20,000 के सेट में 10,000 शीशियों की आपूर्ति हैदराबाद, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, मुंबई तथा महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में करेगी। शेष 10,000 शीशियों की आपूर्ति कोलकाता, इंदौर, भोपाल, लखनऊ, पटना, भुवनेश्वर, रांची, विजयवाड़ा, कोचिन, त्रिवेंद्रम और गोवा में एक सप्ताह में की जाएगी।
कंपनी ने कहा कि उसने इस दवा का अधिकतम खुदरा मूल्य 5,400 रुपये प्रति शीशी तय किया है। इससे पहले एक अन्य फार्मा कंपनी सिप्ला ने मंगलवार को कहा था कि वह रेमडेसिवीर के जेनेरिक संस्करण की कीमत 5,000 रुपये प्रति शीशी से कम रखेगी। कंपनी ने कहा है कि उसकी यह दवा आठ से दस दिन में उपलब्ध होगी। हेटेरो हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक एम श्रीनिवास रेड्डी ने कहा, ‘‘भारत में कोविफोर को पेश करना हमारे लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
सिप्ला ने कोविड-19 मरीजों के लिए रेमडेसिविर का जेनेरिक संस्करण पेश किया
भारत की प्रमुख दवा कंपनी सिप्ला लिमिटेड ने रेमडेसिविर के जेनेरिक संस्करण ’सिप्रेमी’ की पेशकश की है, जिसे अमेरिकी दवा नियामक यूएसएफडीए ने कोविड-19 के मरीजों को आपातकालीन स्थिति में देने की स्वीकृति दी है। यूएसएफडीए ने कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने के लिए गिलियड साइंसेज को रेमडेसिविर के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए आपातकालीन उपयोग अनुमोदन (ईयूए) दिया है। रेमडेसिविर एक मात्र दवा है, जिसे यूएसएफडीए ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति दी है।
गिलियड साइंसेज ने मई में सिप्ला के साथ रेमडेसिविर के विनिर्माण और विपणन के लिए एक गैर-विशेष लाइसेंस समझौता किया था। सिप्ला ने कहा कि उसे भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) से इस दवा के आपातकालीन स्थिति में सीमित उपयोग की अनुमति मिल गई है। कंपनी ने एक बयान में बताया, ‘‘जोखिम प्रबंधन योजना के तहत सिप्ला दवा के इस्तेमाल का प्रशिक्षण देगी और मरीज की सहमति के दस्तावेजों की जांच करेगी तथा विपणन के बाद पूरी निगरानी रखने के साथ ही भारतीय मरीजों पर चौथे चरण का चिकित्सकीय परीक्षण भी करेगी।’’

