बिहार: विदेश से लौटे करीब तेरह हजार लोग बने सिरदर्द, समय रहते नहीं की गई जांच तो स्थिती हो सकती भयावह
By एस पी सिन्हा | Published: April 13, 2020 05:49 AM2020-04-13T05:49:15+5:302020-04-13T05:49:15+5:30
प्राप्त जानकारी के अनुसार 18 मार्च से 23 मार्च के भीतर करीब 13 हजार 356 लोग विदेशों से बिहार लौटे हैं. इनमें अकेले सीवान के करीब 500 से भी ज्यादा लोग अपने घर खाड़ी के देशों से लौटे हैं.
बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और अभी यह आंकड़ा 64 पहुंच चुका है. ऐसे में लोगों में दहशत का माहौल बनता जा रहा है. दरअसल, डर का कारण विदेशों से बिहार लौटे लोग बन रहे हैं. सरकार के पास जो खुफिया जानकारी है, उसके मुताबिक जो लोग खाड़ी के देशों से मसलन कतर, ओमान, दुबई या फिर सऊदीअरब से जो लोग बिहार लौटे हैं, उनमें कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है. ऐसे में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद बिहार सरकार अब हरकत में आई है और जो लोग खाड़ी के देशों से लौटे हैं उन सबकी तलाश की जा रही है और सबकी ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार 18 मार्च से 23 मार्च के भीतर करीब 13 हजार 356 लोग विदेशों से बिहार लौटे हैं. इनमें अकेले सीवान के करीब 500 से भी ज्यादा लोग अपने घर खाड़ी के देशों से लौटे हैं. वैसे सरकार के एक आंकड़ों के अनुसार विदेशों से बिहार लौटे लोगों की संख्या अब तक साढ़े 13 हजार के आसपास है. उसी कड़ी में ओमान से बिहार लौटे शख्स की वजह से अकेले सीवान में 29 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए. इसके बाद पुलिस ने सीवान को पूरी तरह से सील कर दिया है.
वहीं, सीवान में कतर से पहले आए मोहम्मद सैफ को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं. कहा जा रहा है कि घटना के बाद भी सरकार क्यों नहीं जागी? अगर सरकार सतर्क और सजग थी तो फिर ओमान से लौटे उस शख्स की जांच या फिर उसे 14 दिनों तक कोरोटाइन में क्यों नहीं रखा गया? हालांकि इस पर सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का कहना है कि हम सतर्क बिल्कुल थे, तभी तो उस शख्स की जांच हुई और फिर उससे जुड़े कई संदिग्धों की भी सरकार ने जांच कराई और फिर पूरे इलाके को भी सील कर दिया गया.
सरकार की व्यवस्था में कोई कमी या चूक नही है. लेकिन हकीकत तो यही है कि सीवान लौटे लोगों ने घटना के बाद सरकार की व्यवस्था की कमियों को जरूर उजागर कर दिया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार ओमान से लौटा शख्स 21 मार्च को पटना एयरपोर्ट पहुंचा और फिर बस के जरिये उसी दिन सीवान और फिर देर रात रघुनाथपुर में अपने गांव पंजवार पहुंच गया. इस दौरान, उस शख्स की थर्मल चेकिंग भी की गई. लेकिन उस जांच में कोरोना के लक्षण नहीं मिलने की वजह से उसे ऐसे ही छोड़ दिया गया. लेकिन फिर उसे होम कोरेंटाईन किया गया. लेकिन वह गांव मेम खुलेआम घुमता रहा. ऐसे में सरकार के व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं.
यहां उल्लेखनीय है कि बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अभी बिहार में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या लगभग 64 पहुंच चुका है. और मरने वालों की संख्या 1 है. जबकि 15 के लगभग लोग ठिक होकर अपने घर को लौट चुके है. लेकिन लगातार बढ़ रही कोरोना वायरस की संख्या ने सबको डरा कर रख दिया है. ऐसे में अब यह कहा जाने लगा है कि अगर विदेश से लौटे लोगों की समय से जांच नहीं की गई तो स्थिती विस्फोटक हो सकती है.