Coronavirus Global: देशभर में करीब 548 डॉक्टर, नर्स और पराचिकित्सक संक्रमित, कोविड-19 से कई DOCTOR की मौत
By भाषा | Published: May 6, 2020 04:16 PM2020-05-06T16:16:24+5:302020-05-06T16:16:24+5:30
देश भर में कोरोना का कहर जारी है। दुनिया में भी मरने वाले की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक 258,962 लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व भर में 3,747,275 लोग संक्रमित हैं। लोगों की रक्षा करने वाले डॉक्टर भी इसके शिकार हो रहे हैं।
नई दिल्लीः केंद्र के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस से अब तक देशभर में करीब 548 डॉक्टर, नर्स और पराचिकित्सक संक्रमित हो चुके हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। इन आंकड़ों में फील्ड में काम करने वाले कर्मचारी, वार्डब्वॉय, सफाई कर्मचारी, सुरक्षा गार्ड, लैब अटेंडेंट्स, चपरासी, लॉन्ड्री और रसोईघर के कर्मचारी शामिल नहीं हैं।
एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, यह पता नहीं चला है कि ये डॉक्टर, नर्स और पराचिकित्सा कर्मी कहां से संक्रमण की चपेट में आए। इन आंकड़ों में राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्र तथा राज्य सरकार के अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर, नर्स तथा पराचिकित्सक शामिल हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘‘मामलों की महामारी विज्ञान संबंधी कोई जांच नहीं हुई तो इस बात की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है कि कितने लोग कार्यस्थल पर बीमारी की चपेट में आए और कितने सामुदायिक रूप से इसकी चपेट में आए।’’ देश में कोविड-19 से संक्रमित पाए गए कई डॉक्टरों की मौत भी हो चुकी है। हालांकि अभी उनकी सटीक संख्या का पता नहीं चला है।
अधिकारियों ने बताया कि अभी तक राष्ट्रीय राजधानी में 69 डॉक्टर कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस से बुधवार सुबह तक देशभर में 1,694 लोगों की मौत हो गई और कुल 49,391 लोग संक्रमित पाए गए। इसके अलावा अभी तक 274 नर्स और पराचिकित्सक इस जानलेवा विषाणु से संक्रमित पाए गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि सफदरजंग अस्पताल में पिछले दो महीने से अधिक समय में सात रेजिडेंट डॉक्टरों और एक प्रोफेसर समेत 13 स्वास्थ्य देखभाल कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। एम्स में अभी तक एक रेजिडेंट डॉक्टर और पांच नर्सों समेत करीब 10 स्वास्थ्य देखभाल कर्मी संक्रमित पाए गए हैं।
इसके अलावा इस अस्पताल में कुछ सुरक्षागार्ड भी संक्रमित पाए गए हैं। आंकड़ों के अनुसार इसके अलावा केंद्र और दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों में काम कर रहे कई स्वास्थ्यकर्मी भी इस जानलेवा बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एआईओसीडी से महत्वपूर्ण दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अखिल भारतीय दवा विक्रेता संघ (एआईओसीडी) को पत्र लिखकर कहा है कि उसके सदस्यों को इस ‘‘चुनौती भरे समय’’ के दौरान कोविड-19 प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण दवाओं तथा अन्य आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए। मंत्रालय ने कोरोना वायरस के रोगियों के आईसीयू प्रबंधन के लिए 55 दवाओं तथा अन्य संबंधित बीमारियों के उपचार के लिए 96 अन्य दवाओं की सूची भेजी है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की विस्तृत कवायद के बाद यह सूची तैयार की गई है।
पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 के लिए चिकित्सीय प्रबंधन दिशा-निर्देशों के अनुरूप, स्वास्थ्यकर्मियों और पुष्ट मामलों के संबंध में पारिवारिक संपर्कों जैसी कुछ श्रेणियों के वास्ते रोग निरोध के रूप में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का परामर्श दिया गया है। इसमें यह भी कहा गया कि आईसीयू प्रबंधन की आवश्यकता वाले गंभीर रोगियों के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और एजिथ्रोमाइसिन के मिश्रण का परामर्श दिया गया है। वर्तमान में कुछ अन्य दवाएं भी परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं, लेकिन भारत में अब तक इनका परामर्श नहीं दिया गया है।
मंत्रालय ने कठिन समय के दौरान भारत के दवा व्यापार संगठनों के योगदान को मान्यता देते हुए कहा कि अन्य आवश्यक दवाओं के साथ इन दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता आपके सदस्यों द्वारा सुनिश्चित की जाती है। ये कदम महामारी के प्रभावी चिकित्सीय प्रबंधन में काफी कारगर होंगे। पत्र में कहा गया, ‘‘मैं आपसे आग्रह करूंगा कि कृपया इस संदेश को अपने सदस्यों तक पहुंचाएं जिससे कि कोविड-19 के इस चुनौती भरे समय में आवश्यक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।’’
इसके बाद एआईओसीडी ने अपने सभी पदाधिकारियों, अध्यक्षों, सचिवों और कार्यकारिणी सदस्यों को पत्र लिखकर कहा है कि वे गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) रोगियों के लिए आपात स्थिति में किसी तरह की कमी से बचने के लिए सूची में बताई गई दवाओं की प्रचुर उपलब्धता रखें।
एआईओसीडी के अध्यक्ष जगन्नाथ सखाराम शिन्दे ने अपने संदेश में कहा, ‘‘हममें से सभी को कुछ और समय के लिए कठिन परिश्रम करने तथा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन एवं एजिथ्रोमाइसिन जैसी दवाएं सावधानी से प्रदान करने की आवश्यकता है जिन्हें डॉक्टर का पर्चा देखकर ही बेचा जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद करता हूं कि आप इस संदेश को अपने दवा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं तक पहुंचाएंगे। त्वरित संदेश के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस स्थिति में जरूरतमंद मरीजों की देखभाल करने वाले आवश्यक जीवनरक्षक दवाओं के लिए हमारी ओर देख रहे हैं।’’