मामले बढ़ सकते हैं लेकिन यह तो वक्त ही बताएगा, समान रफ्तार से मामलों में वृद्धि चिंता का विषय, कोविड-19 पर बोले एम्स निदेशक गुलेरिया

By भाषा | Updated: May 5, 2020 18:57 IST2020-05-05T18:57:36+5:302020-05-05T18:57:36+5:30

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कोरोना वायरस पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे मामला बढ़ना सही नहीं है। कहा कि राज्य और केंद्र सरकार को चौकस रहना होगा।

Corona virus India Home Ministry lockdown aiims director Randeep Guleria Matters increase time cases concern Kovid-19 | मामले बढ़ सकते हैं लेकिन यह तो वक्त ही बताएगा, समान रफ्तार से मामलों में वृद्धि चिंता का विषय, कोविड-19 पर बोले एम्स निदेशक गुलेरिया

एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने के नियम का ईमानदारी से पालन करना चाहिए खासकर यदि वे हॉटस्पॉट या निषिद्ध में हैं तो। (file photo)

Highlightsऐसे में हमें और चौकस रहने व हॉटस्पॉट में मामलों की संख्या घटाने की कोशिश करने की जरूरत है। कई राज्य सरकारें गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश के अनुसार पाबंदियों में ढील दे रही हैं व शराब की दुकानें खुलने दे रही है।

नई दिल्लीः अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 का ग्राफ अबतक अपेक्षाकृत फ्लैट (समतल) बना हुआ है लेकिन लगातार समान रफ्तार से मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है।

गुलेरिया ने कहा कि विभिन्न मॉडेलिंग विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में चरमोत्कर्ष अगले चार से छह सप्ताह यानी मई के आखिर या जून के मध्य तक हो सकता है, ऐसे में हमें और चौकस रहने व हॉटस्पॉट में मामलों की संख्या घटाने की कोशिश करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘ देश में सर्दियों में एक बार फिर कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं लेकिन यह तो वक्त ही बताएगा।’’ उनकी ये टिप्पणियां ऐसे वक्त आयी हैं जब कई राज्य सरकारें गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश के अनुसार पाबंदियों में ढील दे रही हैं व शराब की दुकानें खुलने दे रही है।

गुलेरिया ने कहा, ‘‘ यह ग्राफ लॉकडाउन और अन्य निषिद्ध उपायों से अबतक अपेक्षाकृत रूप से फ्लैट (समतल) रहा है और इसने हमें देश में अपना स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा खड़ा करने और परीक्षण सुविधाएं बढ़ाने का समय दे दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन मामलों की संख्या स्थिर दर से लगातार बढ़ रही है और यह चिंता का विषय है। हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और लॉकडाउन के सिद्धांतों और एक दूसरे से दूरी बनाकर रखने के नियम का ईमानदारी से पालन करना चाहिए खासकर यदि वे हॉटस्पॉट या निषिद्ध में हैं तो।’’

उन्होंने उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया जहां कोविड-19 के मामले अधिक हैं ताकि वहां से इस वायरस का संक्रमण नहीं फैले। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार मंगलवार सुबह को पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,568 हो गयी और इसके रोगियों की संख्या 42,836 हो गयी।

एम्स ने अस्पताल में आने वालों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य बनाया

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने इस अस्पताल के आपात विभाग और अन्य मरीज देखभाल क्षेत्रों में आने वाले मरीजों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य बना दिया है तथा वह उन लोगों को मास्क उपलब्ध कराएगा जिनके पास यह नहीं है। एम्स ने शुक्रवार को बताया कि निदेशक की अध्यक्षता में एक बैठक में यह निर्णय लिया गया।

एम्स प्रशासन ने सभी केंद्रों के प्रमुखों, विभागों के अध्यक्षों एवं अन्य अधिकारियों को भेजे परिपत्र में कहा है, ‘‘ यह सुनिश्चित करना तय किया गया है कि एम्स के ओपीडी, आपात, अंतरंग रोगी वार्ड एवं अन्य सभी मरीज देखभाल क्षेत्रों में आ रहे सभी मरीजों को अस्पताल में रहने तक मास्क लगा हो।’’

उसने कहा, ‘‘ यदि मरीज के पास अपना मास्क है और उसने उसे लगा रखा है तो ठीक है। लेकिन मरीज देखभाल क्षेत्र में आने वाले मरीजों ने अपना मास्क नहीं लगा रखा हो तो उसे प्रथम संपर्क केंद्र पर एएनएन/निर्धारित नर्सिंग अधिकारी उसे तीन स्तर वाले मास्क उपलब्ध करायेंगे और वे उन्हें हरसमय पहने रखने की सलाह भी देंगे।’’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने परामर्श जारी कर लोगों को खासकर घर से बाहर जाने पर मास्क लगाने को कहा था।

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