आर्थिक राहत पैकेज की दूसरी किस्तः प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों को लाभ, जानिए मुख्य बातें

By भाषा | Updated: May 14, 2020 18:51 IST2020-05-14T18:51:20+5:302020-05-14T18:51:20+5:30

3 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को लाभ देने के लिए 30000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सुविधा लेकर आए हैं। ये नाबार्ड के अलावा दी जाने वाले 30000 करोड़ की राशि है। ये राशि स्टेट, जिला और ग्रामीण कॉपरेटिव बैकों के माध्यम से राज्यों को दी जाएगी।

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25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्डधारकों को 25,000 करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर किये गये। (photo-ani)

Highlightsआर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों को लाभ। तीन करोड़ छोटे किसान पहले ही कम ब्याज दर पर चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले चुके हैं।

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिये 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज की दूसरी किस्त की बृहस्पतिवार को घोषणा की। इसमें छोटे किसानों, प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों, निम्न मध्यम आय वर्ग के लिये राहत उपाय किये गये।

वित्त मंत्री की घोषणाओं की मुख्य बातें इस प्रकार हैं...

:आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों को लाभ।

:तीन करोड़ छोटे किसान पहले ही कम ब्याज दर पर चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले चुके हैं। 25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्डधारकों को 25,000 करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर किये गये।

:मार्च और अप्रैल 2020 में 63 लाख लोगों के लिये 86,000 करोड़ रुपये मूल्य के ऋण मंजूर किये गये।

:नाबार्ड ने अकेले मार्च में 29,500 करोड़ रुपये का पुनर्वित जारी किया। :राज्यों को प्रवासी मजदूरों का ध्यान रखने के लिये 11,000 करोड़ रुपये दिये गये।

:शहरी बेघरों के लिये केन्द्र सरकार के खर्च पर प्रतिदिन खाने की व्यवस्था। :मनरेगा के तहत 13 मई तक 14.62 करोड़ मानव कार्य दिवस सृजित किये गये।

:सरकार एक समान न्यूनतम मेहनताना अधिकार के पक्ष में, राष्ट्रीय स्तर पर एक न्यूनतम वेतन के जरिये विभिन्न क्षेत्रों में व्याप्त अंतर को दूर किया जायेगा।

:12,000 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) ने कोरोना वायरस संकट के दौरान 3 करोड़ मास्क और 1.2 लाख लीटर सैनिटाइजर बनाये, इन्हें पैसा पोर्टल के जरिये कोष उपलब्ध कराया जा रहा है।

:पिछले दो महीनों में शहरी गरीबों के लिये 7,200 नये स्वयं सहायता समूह बनाये गये। सरकार अगले दो महीने तक प्रवासी मजदूरों को मुफ्त अनाज देगी, बिना- राशन कार्ड वाले आठ करोड़ लोगों को भी प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज दिया जायेगा।

:प्रति व्यक्ति पांच किलो गेहूं या चावल, प्रति परिवार एक किलो चना मिलेगा। इसके लिये 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान।

:सरकार प्रवासी मजदूरों के लिये किफायती किराया आवास योजना शुरू करेगी।

:लॉकडाउन से प्रभावित 50 लाख फेरी वालों की मदद के लिये 5,000 करोड़ रुपये दिये जायेंगे।

:पचास हजार रुपये तक के मुद्रा-शिशु ऋण पर दो प्रतिशत ब्याज राहत के लिये 1,500 करोड़ रुपये की ब्याज सहायता योजना की घोषणा।

:छह लाख से 18 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले मध्यम आय श्रेणी परिवारों के वास्ते किफायती आवास योजना का लाभ मार्च 2021 तक बढ़ाया गया।

आर्थिक पैकेज उम्मीदों के अनुरूप नहीं होने से सेंसेक्स 886 अंक गिरा, निफ्टी 9,200 अंक से नीचे 

प्रोत्साहन पैकेज के उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने और इसको लेकर उत्साह ठंडा रहने के साथ ही कमजोर वैश्विक रुख के बीच निवेशकों का भरोसा डगमगाने से बृहस्पतिवार को सेंसेक्स में 886 अंक की बड़ी गिरावट आ गई। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स एक समय दिन में कारोबार के दौरान 955 अंक तक नीचे चला गया था।

हालांकि, बाद में इसमें कुछ सुधार हुआ और अंत में यह 885.72 अंक या 2.77 प्रतिशत के नुकसान से 31,122.89 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी 240.80 अंक या 2.57 प्रतिशत के नुकसान से 9,142.75 अंक पर बंद हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से भी खुश नहीं है। उनका मानना है कि इस पैकेज से तत्काल सीमित राशि ही खर्च की जानी है जो कि कुल पैकेज के आकार का काफी कम है। इससे अर्थव्यवस्था में तत्काल पुनरोद्धार की गुंजाइश कम है। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आगाह किया है कि शायद कोरोना वायरस कभी समाप्त नहीं होगा। इससे दुनियाभर के शेयर बाजार टूट गए।

इसका असर स्थानीय बाजारों पर भी पड़ा। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में टेक महिंद्रा में सबसे अधिक 5.24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। इन्फोसिस, एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एनटीपीसी के शेयरों में भी गिरावट आई। वहीं दूसरी ओर हीरो मोटोकॉर्प, एलएंडटी, मारुति, अल्ट्राटेक सीमेंट और सनफार्मा के शेयरों 2.28 प्रतिशत तक चढ़ गए। इस बीच,सरकार ने अप्रैल की थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के खंडित आंकड़े जारी किए हैं। इसके अनुसार अप्रैल में प्राथमिक उत्पादों में 0.79 प्रतिशत की अपस्फीति रही। वहीं ईंधन और बिजली खंड में 10.12 प्रतिशत की अपस्फीति रही। देश में लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से ऐसी स्थिति बनी है।

एचडीएफसी सिक्योरिटजी के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि बुधवार को घोषित आर्थिक पैकेज को लेकर उत्साह ठंडा पड़ने से भारतीय शेयर बाजारों ने पिछले सत्र में हुए समूचे लाभ को आज गंवा दिया। उन्होंने कहा कि पूंजीगत सामान और मीडिया कंपनियों के शेयर लाभ में रहे, जबकि आईटी, धातु, वित्तीय और दूरसंचार शेयरों में गिरावट आई। अब सभी की निगाह वित्त मंत्री की बृहस्पतिवार और शुक्रवार को शेष दो बची घोषणाओं पर है। बृहस्पतिवार को बाजार बंद होने के बाद आर्थिक पैकेज की दूसरे चरण के उपायों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इससे प्रवासी मजूदरों, रहेड़ी पटरी लगाने वालों और छोट किसानों को लाभ होगा।

बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में 0.63 प्रतिशत तक की गिरावट आई। चीन का शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग, जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहे। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार भी नुकसान में कारोबार कर रहे थे। वहीं अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का परिदृश्य काफी अनिश्चित बताया है। अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल वायदा 3.85 प्रतिशत की बढ़त के साथ 30.32 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

अंतरबैंक विदेशी विनिमय बाजार में रुपया 10 पैसे के नुकसान से 75.56 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। भारत में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 2,549 पर पहुंच गई है जबकि इससे संक्रमितों का आंकड़ा 78,003 पर पहुंच गया है। दुनियाभर में अब तक यह महामारी 2.97 लाख लोगों की जान ले चुकी है जबकि दुनियाभर में इससे संक्रमित लोगों का आंकड़ा 43.47 लाख पर पहुंच गया है।

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