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स्वदेशी कोरोना वैक्सीन पर आज अंतिम फैसला, एक्सपर्ट कमेटी से मिल चुका है ग्रीन सिग्नल

By अनुराग आनंद | Updated: January 3, 2021 07:27 IST

स्वदेशी कोरोना वैक्सीन को लेकर सीडीएससीओ के एसईसी ने एक और दो जनवरी को बैठक कीं और भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को मंजूरी पर विचार करने और इस पर अंतिम निर्णय के लिए सिफारिशें भेजीं।

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ठळक मुद्देकुछ धार्मिक हस्तियों द्वारा टीके पर संदेह जताए जाने के बारे में पूछे जाने पर, जावड़ेकर ने कहा कि हमारा टीका प्रभावी है।केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि इसे मंजूरी देने से पहले किसी भी प्रोटोकॉल के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

नयी दिल्ली: भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने स्वदेशी रूप से विकसित कोरोना वायरस रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ के कुछ शर्तों के साथ आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की शनिवार को सिफारिश की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी एक विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड के कोरोना वायरस रोधी टीके के भारत में आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की भी सिफारिश की थी।

DCGI रविवार सुबह 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा ऐलान कर सकता है-

इसी के साथ भारत में अगले कुछ दिनों में कोविड-19 का पहला टीका आने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी शनिवार को यह पुष्टि की कि सीडीएससीओ की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने भारत में कोविशील्ड के सीमित आपातकालीन उपयोग के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को अनुमति देने की सिफारिश की है, जो कई नियामक शर्तों के अधीन है।

बता दें कि एक्सपर्ट कमेटी ने DCGI के पास भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' और सीरम इंस्टीट्यूट की 'कोविशील्ड' वैक्सीन को अनुमति देने की सिफारिश की है। ऐसे में कोरोना वैक्सीन को लेकर DCGI रविवार सुबह 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा ऐलान कर सकता है।

मंत्रालय ने कहा, "सीडीएससीओ के एसईसी ने एक और दो जनवरी को बैठक कीं और भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को मंजूरी पर विचार करने और इस पर अंतिम निर्णय के लिए सिफारिशें भेजीं।"

कोवैक्सीन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर भारत बायोटेक ने बनाया है- 

कोवैक्सीन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। नयी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारत संभवत: दुनिया में पहला ऐसा देश है जहां चार टीकों पर काम चल रहा हैं।

कुछ धार्मिक हस्तियों द्वारा टीके पर संदेह जताए जाने के बारे में पूछे जाने पर, जावड़ेकर ने कहा कि "हमारा टीका प्रभावी है" और बाकी दुनिया भी इसका उपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि कई परीक्षणों के बाद टीके तैयार होते हैं और यह पूरी तरह से सुरक्षित है।

मंजूरी देने से पहले किसी भी प्रोटोकॉल के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा-

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लोगों से कोविड-19 के टीके के सुरक्षित होने और इसकी प्रभाव क्षमता के बारे में ‘‘अफवाहों’’ और भ्रामक सूचना अभियानों को लेकर गुमराह नहीं होने की शनिवार को अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि इसे मंजूरी देने से पहले किसी भी प्रोटोकॉल के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

हर्षवर्धन ने कहा कि टीकाकरण के प्रथम चरण में सर्वाधिक प्राथमिकता वाले लोगों को नि:शुल्क टीका उपलब्ध कराया जाएगा, जिनमें एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और अग्रिम मोर्चे के दो करोड़ कर्मी शामिल हैं। उन्होंने दिल्ली में उन दो स्थानों का दौरा किया जहां टीके का पूर्वाभ्यास चल रहा था।

एक सूत्र ने बताया कि सीडीएससीओ की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने अतिरिक्त डाटा, तथ्य और विश्लेषण सौंपे जाने के बाद हैदराबाद स्थित फ़ार्मास्युटिकल फर्म के टीके के आपातकालीन उपयोग संबंधी आवेदन पर शनिवार को फिर से विचार-विमर्श किया।

स्वदेश में विकसित कोवैक्सीन टीके की मंजूरी के लिए डीसीजीआई के समक्ष अर्जी दाखिल की गई थी

भारत बायोटेक ने सात दिसंबर को स्वदेश में विकसित कोवैक्सीन टीके की मंजूरी के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के समक्ष अर्जी दाखिल की थी। एसईसी ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोरोना वायरस रोधी टीके ‘कोविशील्ड’ के भारत में आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की सिफारिश की थी।

एसईसी ने शनिवार को भारत बायोटेक के आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) के आवेदन पर फिर से विचार किया, जब ईयूए ने अपने अद्यतन डेटा और इसका औचित्य प्रस्तुत किया और कोरोना वायरस के नए संक्रमण के उभरने की घटनाओं के मद्देनजर उनके प्रस्ताव पर विचार करने का अनुरोध किया।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, "समिति ने एक व्यापक एहतियात के रूप में सार्वजनिक हित में आपातकालीन स्थिति में इसके सीमित उपयोग के लिए भारत बायोटेक को अनुमति देने की सिफारिश की।’’ सूत्रों के अनुसार, समिति ने हालांकि कहा कि दवा कंपनी वर्तमान में जारी तीसरे चरण के नैदानिक ​​परीक्षण जारी रखेगी और उपलब्ध होने पर परीक्षण से निकले डेटा को प्रस्तुत करेगी। समिति ने कहा कि टीके में वायरस को खत्म करने की क्षमता है।  

(एजेंसी इनपुट)

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