Corona Lockdown: बिहार के सारण की दर्दनाक घटना, बेटियों ने पिता की गैरमौजूदगी में गुल्लक तोड़ किया मां का अंतिम संस्कार
By एस पी सिन्हा | Published: May 27, 2020 02:59 PM2020-05-27T14:59:58+5:302020-05-27T14:59:58+5:30
मिली जानकारी के अनुसार बेटियों के पिता लॉकडाउन के कारण गुजरात के सूरत में फंसे हुए हैं. इस कारण मां की मौत के बाद बेटियों पर अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी आ गई.
पटना: कोरोना काल में जारी लॉकडाउन कई हृदय विदारक घटनाओं का गवाह बनता जा रहा है. इस संकट की घड़ी में कभी किसी पत्नी को कंधा देना पड रहा है तो कभी बेटी को मुखाग्नि की रस्म निभानी पड रही है. ऐसी ही एक घटना सारण जिले के मांझी प्रखंड के फतेहपुर सरेया गांव से जुड़ी है. कोरोना के कारण चल रहे लॉकडाउन में पिता गुजरात के सूरत में फंसे हैं. इधर, मां की मौत हो गई. घर में पैसे नहीं थे.
बेटियों के सामने मां के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी आ गई. अचानक आई आफत से वे सभी घबराई हुई थीं. आखिरकार उन्होंने घर में रखे अपने गुल्लक को तोड़ा और मां का अंतिम संस्कार भी किया. प्राप्त जानकारी के अनुसार, चार दिन पहले 45 साल की राजमुनि देवी के कमर और पैर में अचानक दर्द होने लगा. इनके पति राजबलम कुशवाहा सूरत में फंसे हैं. घर में मौजूद बेटियों ने डॉक्टर से दिखाया.
हालांकि रविवार को अचानक वे बेहोश हो गईं और दम तोड़ दिया. राजमुनि देवी को पांच बेटियां ही हैं, जिनमें दो का विवाह हो चुका है. जिस समय मां की मौत हुई, उस समय घर में तीन बेटियां पूनम, काजल और नेहा थीं.
सिर से मां का साया छिन जाने से बेटियां बदहवास हो गईं और रो-रोकर उनका बुरा हाल था. दूसरी तरफ मां की अंत्येष्टि के लिए पैसे भी नहीं थे. घर में मौजूद बेटियों ने शादी-शुदा बहन पिंकी व बलेसरा में मौसी के घर रह रही पूजा को भी घटना की सूचना दी. इसके बाद उन्हें याद आया कि उन्होंने खेतों में सोहनी (खेतों में घास काटना) कर जो पैसे इकट्ठा किए थे, वो काम आ सकते हैं.
गुल्लक को तोड़कर देखा तो उसमें से 2000 रुपये निकले. उन्होंने उससे कफन और अंति संस्कार के अन्य सामान खरीदे. अग्नि संस्कार को लेकर लोग अलग-अलग राय देने लगे तभी मृतक की पांचवीं पुत्री ने साहस का परिचय देते हुए स्वयं मुखाग्नि देने का निर्णय किया. महिला की शवयात्रा निकाली गई.
ग्रामीणों के साथ बेटी पूनम काजल व नेहा ने भी अर्थी को कंधा दिया. वहीं, लड़कियों की परेशानी का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों की पहल पर मांझी प्रखंड जीविका समूह से जुड़ी जीविका दीदियों ने तत्काल 83 सौ रुपये तथा खाद्य सामग्री मृतका राजमुनि की पुत्रियों को दिये.
स्थानीय मुखिया संजीत कुमार साह व पूर्व जिप सदस्य धर्मेंद्र सिंह ने भी क्रमश: पांच-पांच हजार रुपये तथा खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई. प्रखंड परियोजना पदाधिकारी संजय कुमार ने 25 हजार का बैंक ऋण माफ कराने के साथ युवतियों को प्रशिक्षण के बाद रोजगार उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है.