वैक्सीन लेने पर भी नहीं छोड़ता कोरोना का डेल्टा वेरिएंट, कमजोर हो जाती है एंटीबॉडी, ICMR की स्टडी में खुलासा

By विनीत कुमार | Updated: August 19, 2021 11:01 IST2021-08-19T11:01:26+5:302021-08-19T11:01:26+5:30

कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट भारत में दूसरी लहर का जिम्मेदार था। आईसीएमआर की रिसर्च में अब ये बात सामने आई है कि टीका ले चुके लोगों में भी डेल्टा वेरिएंट का संक्रमण हो सकता है। मौत का खतरा जरूर हालांकि कम हो जाता है।

Corona Delta variant infects both vaccinated and unvaccinated says ICMR study | वैक्सीन लेने पर भी नहीं छोड़ता कोरोना का डेल्टा वेरिएंट, कमजोर हो जाती है एंटीबॉडी, ICMR की स्टडी में खुलासा

वैक्सीन ले चुके लोगों को भी डेल्टा वेरिएंट करता है संक्रमित (फाइल फोटो)

Highlightsआईसीएमआर के शोध के नतीजों को 17 अगस्त को 'जर्नल ऑफ इंफेक्शन' में छापा गया था।चेन्नई में हुआ शोध, डेल्टा वेरिएंट में वैक्सीन ले चुके और नहीं लेने वाले लोगों में संक्रमण फैलाने की क्षमता।शोध में कहा गया है कि टीके से मौत का खतरा जरूर कम हो जाता है, ऐसे में टीकाकरण की गति बढ़ाने की जरूर है।

चेन्नई: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की ओर से चेन्नई में किए गए एक शोध में ये बात सामने आई है कि कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट में वैक्सीन ले चुके और इस नहीं लेने वाले लोगों को भी संक्रमित करने की क्षमता है। हालांकि वैक्सीन ले चुके लोगों में मौत का खतरा जरूर कम हो जाता है। इस शोध के नतीजों को 'जर्नल ऑफ इंफेक्शन' में 17 अगस्त को भी छापा गया।

अध्ययन के निष्कर्षों से ये संकेत मिलता है कि B.1.617.2 वेरिएंट का व्यवहार वैक्सीन ले चुके और नहीं लिए लोगों पर अलग-अलग नहीं है। गौरतलब है कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट ही भारत में इस महामारी की दूसरी लहर का प्रमुख कारण बना था।

शोध में कहा गया है कि टीकाकरण की गति और व्यापकता और बढ़ाने की जरूरत है। इससे महामारी के आने वाली आगे की लहरों पर लगाई लगाया जा सकता है। साथ ही ये भी कहा गया है कि वायरस जेनोमिक जांच पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि वायरस के नए-नए वेरिएंय की जल्दी पहचान की जा सके और संक्रमण को भी फैलने से रोका जा सके।

जर्नल में रिपोर्ट में अन्य अध्ययनों का भी हवाला दिया गया है जिसमें कहा गया है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन ले चुके लोगों में भी डेल्टा वेरिएंट से संकम्रण के बाद एंटीबॉडीज कमजोर होती है। इसमें कहा गया है, 'यह पूरी तरह से वैक्सीन ले चुके लोगों में ब्रेकथ्रू इंफेक्शन की वजह से होता है।'

रिपोर्ट के अनुसार जो लोग वैक्सीन की पूरी डोज ले चुके थे, उनमें कोरोना के  मध्यम और गंभीर लक्षण नजर आने का अनुपात बहुत कम था। रिपोर्ट के अनुसार पूरी तरह से वैक्सीन ले चुके लोगों में कोई मौत नहीं हुई। वहीं वैक्सीन की केवल एक डोज लेने वाले तीन लोगों की मौत हुई जबकि 7 ऐसे लोगों की मौत हुई जिन्होंने वैक्सीन की अभी तक कोई डोज नहीं ली थी।

बता दें कि भारत में दूसरी लहर के दौरान चेन्नई सबसे बुरी तरह कोरोना से प्रभावित शहरों में शामिल था। मई-2021 के पहले तीन हफ्ते में यहां से रोजाना करीब 6000 नए केस आ रहे थे। स्टडी के लिए ग्रुप ने शहर के तीन अहम केंद्रों से मरीजों का चयन किया था।

Web Title: Corona Delta variant infects both vaccinated and unvaccinated says ICMR study

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