खुशखबरी: एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड 200 करोड़ कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने के लिए तैयार, पुणे की यह कंपनी कर रही है मदद
By निखिल वर्मा | Updated: June 7, 2020 19:39 IST2020-06-07T19:39:30+5:302020-06-07T19:39:30+5:30
दुनिया भर मेंं कोरोना वायरस के 70 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं और इस बीमारी से अब तक 4 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. दुनिया भर के डॉक्टर/वैज्ञानिक कोरोना वायरस के टीके/दवा की खोज में लगे हुए हैं

कोरोना वायरस के वैक्सीन का ट्रायल मध्य जून से ब्राजील में शुरू हो सकता है (लोकमत फाइल फोटो)
कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में पूरी दुनिया के वैज्ञानिक जी-जान से जुटे हुए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अगर कोरोना वायरस का टीका नहीं मिला तो इस बीमारी पर लगाम नहीं लगाई जा सकती है। ब्रिटिश फार्मा की दिग्गज कंपनी एस्ट्राजेनेका, जो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ साझेदारी में एक वैक्सीन विकसित कर रही है, उसने कहा कि सितंबर में दो बिलियन (200 करोड़) कोरोना वैक्सीन बना लेगी। इस बीच मेरिका ने यह भी कहा कि उसने पहले ही दो मिलियन (20 लाख)कोरोना वैक्सीन का उत्पादन किया था जो "सुरक्षा के लिए जांच" करने के लिए "तैयार" हैं।
एस्ट्राजेनेका के सीईओ पास्कल सोरियोट ने बीबीसी रेडियो को बताया, "अभी तक हम ट्रैक पर हैं। हम अभी इस वैक्सीन का निर्माण शुरू कर रहे हैं और हमारे पास इसका परिणाम आने तक उपयोग करने के लिए तैयार रहना होगा।" "हमारी वर्तमान धारणा यह है कि हमारे पास गर्मियों के अंत तक यानि अगस्त तक डेटा होगा। इसलिए सितंबर में हमें पता होना चाहिए कि हमारे पास एक प्रभावी टीका है या नहीं।
बता दें कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से तैयार वैक्सीन के लिए एस्ट्राजेनेका ने भारत के पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर वैक्सीन निर्माण शुरू कर दिया है। एस्ट्राजेनेका ने एक बयान में कहा है कि दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाली भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ वह गरीब देशों को कोरोना वायरस वैक्सीन के 100 करोड़ टीके उपलब्ध कराएगी।
हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने AZD1222 के दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल की घोषणा की है। इस ट्रायल में 10000 वयस्कों को शामिल किया गया है। कई देशों में इसके बाकी के ट्रायल शुरू होने वाले हैं। कोरोना वायरस से प्रभावित ब्राजील ने ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है। अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा कोरोना वायरस के मामले ब्राजील में ही सामने आए हैं। बता दें कि वैक्सीन बनाने की रेस में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सटी सबसे आगे है।