बिहार कर्मचारी चयन आयोग के परीक्षा परिणाम पर शुरू हुआ विवाद, छात्रों ने लगाया गड़बड़ी का आरोप

By एस पी सिन्हा | Published: June 12, 2023 05:27 PM2023-06-12T17:27:08+5:302023-06-12T17:29:10+5:30

दिलीप कुमार का कहना है कि आयोग को प्रश्नपत्र का आंसर, ओएमआर की कार्बन कॉपी, किस अभ्यर्थी को कितने अंक आए यह सब जारी करना चाहिए।

Controversy started over Bihar Staff Selection Commission's exam results students alleged irregularities | बिहार कर्मचारी चयन आयोग के परीक्षा परिणाम पर शुरू हुआ विवाद, छात्रों ने लगाया गड़बड़ी का आरोप

(फाइल फोटो)

Highlightsछात्र नेता दिलीप कुमार ने परीक्षा के परिणाम में पारदर्शिता नहीं बरतने और धांधली करने का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि अगर अगले 1 हफ्ते के भीतर आयोग इसे जारी नहीं करता है तो एक बड़ा आंदोलन करेंगे।दिलीप कुमार ने कहा कि करीब 9 लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हुए थे।

पटना:बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित तृतीय स्नातक स्तरीय (सीजीएल 3) परीक्षा का परिणाम सामने आने के बाद विवाद बढ़ता ही जा रहा है। छात्र नेता दिलीप कुमार ने परीक्षा के परिणाम में पारदर्शिता नहीं बरतने और धांधली करने का आरोप लगाया है। दिलीप कुमार का कहना है कि आयोग को प्रश्नपत्र का आंसर, ओएमआर की कार्बन कॉपी, किस अभ्यर्थी को कितने अंक आए यह सब जारी करना चाहिए। 

उन्होंने यह भी कहा है कि अगर अगले 1 हफ्ते के भीतर आयोग इसे जारी नहीं करता है तो एक बड़ा आंदोलन करेंगे। दिलीप कुमार ने कहा कि करीब 9 लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हुए थे। सभी को जानने का यह हक है कितना अंक आया है। लेकिन जब तक आयोग द्वारा इसमें पारदर्शिता नहीं आएगा तब तक आयोग पर उंगली उठाते रहेंगे। 

उन्होंने कहा कि 5 मार्च की पुनर्परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की संख्या लगभग 2600 ही है जबकि अन्य दोनों पालियों से रिजल्ट अधिक दिया है।परसेन्टाइल पर रिजल्ट किस आधार पर दिया गया है। इन सभी मुद्दों को बीएसएससी को स्पष्ट करना चाहिए। परीक्षार्थियों के ओएमआर मे कोई छेड़छाड़ तो नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि इसलिए बीएसएससी को चाहिए कि 9 लाख अभ्यर्थियों की मांग और उनके हित को ध्यान मे रखते हुए सभी परीक्षार्थियों का मार्क्स, ओएमआर, उत्तर और प्रश्न ऑनलाइन जारी कर दें। जब बीपीएससी संवैधानिक संस्था होने के बावजूद भी पारदर्शिता के लिए ऐसा करती है तो बीएसएससी ऐसा क्यों नहीं करती? 

छात्र नेता ने कहा कि अगर एक सप्ताह के अंदर बीएसएससी ने ऐसा नहीं किया तो बिहार के सभी जिलों मे चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेंगे और उसके बाद राजधानी पटना मे एक बहुत बड़ा छात्र आंदोलन करेंगे, जिसमें एक लाख छात्र शामिल हों ऐसी कोशिश की जाएगी। बता दें कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग यानी बीएससीसी ने 23 दिसंबर को प्रथम पाली में आयोजित द्वितीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर दी गई थी। 

ऐसा इस लिए हुआ था क्योंकि 23 दिसंबर को प्रथम पाली में हुई परीक्षा का प्रश्नपत्र इंटरनेट पर सुबह 10 बजकर 53 मिनट पर प्रसारित होने लगा था। जिसके बाद आयोग की तरफ से एक अधिसूचना जारी कर परीक्षा रद्द की गई थी। जिसमें यह कहा गया था कि पहली पाली की परीक्षा 5 मार्च 2023 को दुबारा आयोजित की जाएगी।

Web Title: Controversy started over Bihar Staff Selection Commission's exam results students alleged irregularities

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