अटल की अस्थियों की कलश यात्रा पर विवाद, RJD ने पूछा- दसवां और मुंडन कब कराएंगे?
By एस पी सिन्हा | Published: August 27, 2018 05:49 PM2018-08-27T17:49:23+5:302018-08-27T17:52:32+5:30
देश के तीन बार प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का एम्स में इलाज के दौरान 16 अगस्त को निधन हो गया था। उनके निधन के बाद सात दिनों के राजकीय शोक की घोषणा हुई थी।
पटना, 27 अगस्त: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद उनकी अस्थियों की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से देश भर में यात्रा निकाले जाने पर विपक्ष निशाना साध रहा है। आरोप है कि भाजपा अटल जी के निधन के बाद राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। इसी कडी में राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने भाजपा नेताओं से पूछा है कि अटल जी की अस्थि प्रवाह के बाद अब दसवां तथा मुंडन संस्कार कब कराएंगे?
राजद के वरिष्ठ नेता के मुताबिक चूंकि भाजपा पर 'सूतक' का साया पड गया है। भाजपा 'पातक' की शिकार है। इसिलए बगैर दसकर्म और मुंडन के इससे छुटकारा मिलने वाला नहीं है। हिंदू कर्मकांड के मुताबिक 'पातक' लगने के कारण आप कोई शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं। आपके द्वारा किए गए शुभ कार्य का परिणाम भी अशुभ होगा। इस दरमियान खान-पान में भी परहेज का पालन करना पडता है।
उन्होंने कहा कि पता नहीं भाजपा वाले अपने भोजन में तेल-हल्दी आदि से परहेज कर रहे हैं या नहीं। शिवानंद तिवारी ने भाजपा को नसीहत देते हुए कहा कि उसे 'गरूड पुराण' पाठ करा कर पातक के नियमों को समझ लेना चाहिए। नियम के मुताबिक दसवां और मुंडन कराने के साथ तेरहवें दिन क्रिया भी होनी चाहिए। उस दिन मोहन भागवत जी तथा उनके जैसे अन्य श्रेष्ठ ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।
तब जाकर हिंदुत्व की अलंबरदार भाजपा को पातक से मुक्ति मिलेगी और वह किसी शुभ कार्य करने की अधिकारी होगी। यहां बता दें कि देश के तीन बार प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का एम्स में इलाज के दौरान 16 अगस्त को निधन हो गया था। उनके निधन के बाद सात दिनों के राजकीय शोक की घोषणा हुई थी। दिल्ली के स्मृति स्थल पर अंतिम संस्कार के बाद पार्टी ने देश भर में अस्थि-कलश यात्रा निकाली और हरिद्वार में गंगा सहित देश भर की कई नदियों में उसका प्रवाह किया गया।