कुछ समुद्री क्षेत्रों में विरोधाभासी दावों का नकारात्मक असर दिखा : राजनाथ

By भाषा | Updated: February 4, 2021 18:49 IST2021-02-04T18:49:41+5:302021-02-04T18:49:41+5:30

Contradictory claims show negative impact in some maritime areas: Rajnath | कुछ समुद्री क्षेत्रों में विरोधाभासी दावों का नकारात्मक असर दिखा : राजनाथ

कुछ समुद्री क्षेत्रों में विरोधाभासी दावों का नकारात्मक असर दिखा : राजनाथ

बेंगलुरु, चार फरवरी चीन के साथ जारी सीमा गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विवादित दक्षिण चीन सागर के संदर्भ में बृहस्पतिवार को कहा कि कुछ समुद्री क्षेत्रों में विरोधाभासी दावों का नकारात्मक असर दिखा है।

उन्होंने कहा कि इस शताब्दी में समूचे हिन्द महासागर क्षेत्र (आईओआर) में सभी देशों की सतत प्रगति और विकास के लिए समुद्री संसाधन महत्वपूर्ण माध्यम होंगे।

वह यहां चल रहे भारत के प्रमुख रक्षा एवं वैमानिकी शो ‘एरो इंडिया-2021’ में आईओआर के रक्षामंत्रियों के सम्मेलन में बोल रहे थे।

सिंह ने कहा, ‘‘हम विश्व के कुछ समुद्री क्षेत्रों में विरोधाभासी दावों का पहले ही नकारात्मक असर देख चुके हैं। इसलिए हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हिन्द महासागर क्षेत्र का समुद्री विस्तार शांतिपूर्ण हो और यह क्षेत्र के सभी देशों के लिए इष्टतम रूप से लाभकारी हो।’’

उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच पिछले साल पांच मई से सैन्य गतिरोध चला आ रहा है। दोनों देश कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य स्तर की वार्ता कर चुके हैं, लेकिन मुद्दे का अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।

विवादित दक्षिण चीन सागर में आक्रामक सैन्य कदमों सहित विभिन्न मुद्दों पर अमेरिका और चीन के बीच तनाव की स्थिति है।

सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आईओआर देशों ने एक नियम आधारित व्यवस्था के लिए मिलकर पारस्परिक सम्मान का प्रदर्शन किया है और इस बारे में एक उदाहरण स्थापित किया है कि अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने से किस तरह सभी के भले के लिए वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफलता मिलेगी।

उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन संस्थागत और सहयोगात्मक माहौल में वार्ता को बढ़ावा देने की एक पहल है जो आईओर में शांति, स्थिरता और संपन्नता के विकास में मदद कर सकती है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि आईओआर में सबसे बड़ा देश होने और 7,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा होने के नाते भारत को सभी आईओआर देशों के शांतिपूर्ण एवं समृद्ध सह-अस्तित्व के लिए एक सक्रिय भूमिका निभानी है।

सिंह ने कहा, ‘‘हम सबके पास हिन्द महासागर के रूप में एक साझा परिसंपत्ति है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार और परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण जीवनरेखा है क्योंकि यह बड़े समुद्री मार्गों को नियंत्रित करता है जहां से विश्व के आधे कंटेनर पोत, विश्व का एक तिहाई माल यातायात और तेल की विश्व की दो तिहाई खेप गुजरती है।’’

मंत्री ने कहा कि आईओआर में वर्तमान समुद्री सुरक्षा परिदृश्य के लिए समुद्री डकैती, मादक पदार्थों, मानव और हथियारों की तस्करी, मानवीय और आपदा राहत तथा अनुसंधान एवं बचाव जैसी कई चुनौतियां हैं।

उन्होंने कहा कि आईओआर देशों के बीच समुद्री सहयोग इन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद कर सकता है और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित कर सकता है।

सिंह ने कहा, ‘‘इसलिए, हमको इन चुनौतियों को एक समान देखते हुए आपस में हाथ मिलाना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आईओआर देशों के प्रयासों को मजबूत करने के क्रम में यह समय है जब हम अपनी अर्थव्यवस्था, व्यापार, नौसैन्य सहयोग और समन्वय को उच्च स्तर पर ले जाएं।’’

आधिकारिक बयान के अनुसार क्षेत्र के 28 देशों में 27 देशों के रक्षा मंत्रियों, राजदूतों, उच्चायुक्तों तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने भौतिक या डिजिटल रूप से सम्मेलन में भागीदारी की।

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Web Title: Contradictory claims show negative impact in some maritime areas: Rajnath

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