जल क्षेत्र को आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना में शामिल करने पर विचार करें : अदालत ने केन्द्र से कहा
By भाषा | Published: August 4, 2021 06:17 PM2021-08-04T18:17:18+5:302021-08-04T18:17:18+5:30
नयी दिल्ली, चार अगस्त दिल्ली उच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह विचार करे कि क्या पेयजल और अपशिष्ट जल प्रबंधन क्षेत्र को आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) में शामिल किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग से कहा कि वह दो प्रतिष्ठानों... वाटर एलायंस इंडिया और नांगलोई वाटर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के अनुरोध पर विचार करे और तीन सप्ताह के भीतर अपने फैसले से अवगत कराए।
सरकार ने ईसीएलजीएस को आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत शुरू किया था, जिसका लक्ष्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों तथा अन्य व्यवसायों के सामने आ रही नकदी की समस्या को दूर किया जा सके ताकि कोविड-19 महामारी के संकट में वे खुद को बचाए रख सकें।
वाटर एलायंस इंडिया और नांगलोई वाटर सर्विसेज ने उच्च न्यायालय में अर्जी देकर कहा है कि एमएसएमई के तहत आने वाले जल क्षेत्र को ईसीएलजीएस का लाभ नहीं देना संविधान के अनुच्छेद 19 और 14 में प्रदत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
इस संबंध में केन्द्र सरकार के अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय से कहा कि दोनों प्रतिष्ठानों के प्रतिवेदनों का चार सप्ताह के भीतर निस्तारण कर दिया जायेगा।
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